• img-fluid

    जेम पोर्टल से तीन साल में हटाई गईं चीन की सैकड़ों कंपनियां, मंच पर पड़ोसी देशों के कोई उत्पाद नहीं

  • September 28, 2023

    नई दिल्ली। सरकारी खरीद मंच जेम पोर्टल से पिछले तीन साल में चीन से जुड़ी सैकड़ों कंपनियों को हटाया गया है। ये कंपनियां चीन के नागरिकों के स्वामित्व वाली हैं या चीनी इकाई की इनमें उल्लेखनीय हिस्सेदारी है। जेम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि उन कंपनियों के सरकारी खरीद मंच पर कोई उत्पाद नहीं है, जिनकी जमीनी सीमा भारत से मिलती है।

    सिंह ने कहा, हमने जेम पर से बहुत सारे फर्जी विक्रेताओं को हटा दिया है। खासकर जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों के संबंध में व्यय विभाग के आदेश के बाद यह कदम उठाया गया है। इसके तहत, कुछ देशों के उत्पादों का उपयोग जेम मंच पर नहीं किया जाना है। उन्होंने कहा कि कंपनियों पर कार्रवाई को लेकर हम हिस्सेदारी पैटर्न पर गौर करते हैं और यह देखते हैं कि क्या कोई जमीनी सीमा साझा करने वाला देश है। फिर उसे मंच से हटा दिया जाता है या अयोग्य घोषित किया जाता है। जेम सीईओ ने कहा कि यह एक बड़ी संख्या है, जिसे हमने मंच से हटा दिया है। इस कदम से जो श्रेणियां गंभीर रूप से प्रभावित हुईं हैं, उनमें लैपटॉप, डेस्कटॉप, चिकित्सा उपकरण आदि शामिल हैं। ये वे कंपनियां थीं, जिसका संबंध किसी भी तरह से चीन से था।


    जेम तीन अक्तूबर से टीसीएस के हवाले
    जेम को नया रंग-रूप देने के लिए 3 अक्तूबर से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को रणनीतिक भागीदार के रूप में नियुक्त किया है। मौजूदा कंपनी इंटेलेक्ट डिजाइन अरीना की अनुबंध अवधि खत्म होने वाली है।

    कंपनियों को बाहर करने में नियमों का पूरी तरह पालन
    जेम सीईओ ने कहा कि सरकारी खरीद मंच से चीनी कंपनियों को हटाने से पहले प्रत्यक्ष शेयरधारित के अलावा विक्रेताओं की किसी भी प्रकार की अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी की भी जांच की गई थी। ऐसा करने में नियमों का पूरी तरह पालन किया गया था। उन्होंने कहा, चीनी कंपनियों को जेम पोर्टल से बाहर करने के ये आदेश किसी भी तरह से विश्व व्यापार संगठन में भारत की किसी भी प्रतिबद्धता का उल्लंघन नहीं करते हैं क्योंकि निवेश एवं सरकारी खरीद अब भी वैश्विक व्यापार निकाय के किसी प्रकार के समझौते का हिस्सा नहीं हैं।

    चीन से विवाद के बाद व्यय विभाग ने बदले थे नियम
    चीन से सीमा पर गतिरोध के बाद व्यय विभाग ने जुलाई, 2020 में सामान्य वित्तीय नियमों में बदलाव किए थे। इसमें भारत से सीमा साझा करने वाले देशों के बोलीदाताओं को किसी भी सरकारी खरीद में भाग लेने से मना किया गया था। पाबंदी तब तक थी, जब तक वे सक्षम प्राधिकरण के पास पंजीकरण नहीं कराते।

    Share:

    कर्नाटक: चुनाव कराने गए अधिकारी और उनकी टीम पर हमला, 250 मतपत्र और दो लैपटॉप लूटकर ले गए आरोपी

    Thu Sep 28 , 2023
    बंगलूरू। कर्नाटक के रामानगर जिले के मगदी तालुक में रिटर्निंग अधिकारी और उनकी टीम पर चार अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। यह घटना 27 सितंबर की है जब रिटर्निंग अधिकारी अपनी टीम के साथ हुलेनहल्ली दुध उत्पादक सहकारी समिति का चुनाव कराने गए थे। हमलावरों ने उनके साथ लूटपाट भी की, जिसमें 250 मतपत्र […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved