न्यूयॉर्क (New York)। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक नई रिपोर्ट (new report) सामने आई है। जिसमें कहा गया कि भारत (India) में 40 प्रतिशत से अधिक बुजुर्ग (More than 40 percent elderly) सबसे गरीब संपत्ति वर्ग (poorest wealth group) में हैं। साथ ही रिपोर्ट ने दावा किया गया कि उनमे से लगभग 18.7 प्रतिशत बिना आय के रहते हैं।
यूएनएफपीए की इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 के अनुसार, बुजुर्गों में गरीबी का यह स्तर उनके जीवन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य देखभाल के उपयोग को प्रभावित कर सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 राज्यों में यह अनुपात राष्ट्रीय स्तर से ऊपर था, उत्तराखंड में 19.3 प्रतिशत से लेकर लक्षद्वीप में 42.4 प्रतिशत तक है। वृद्ध महिलाओं में उच्च जीवन प्रत्याशा है, जो कई देशों के पैटर्न के अनुरूप है। राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड, केरल, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में 60 वर्ष की महिलाओं की जीवन प्रत्याशा 20 वर्ष से अधिक है, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक भलाई के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।
रिपोर्ट में 2014 से 2021 तक कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पहल के तहत बुजुर्गों पर 1259.6 बिलियन खर्च करने का खुलासा किया गया, जो सात वर्षों में 182 प्रतिशत की वृद्धि है।
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