नई दिल्ली: अरहर और उरद दाल के समान मसूर दाल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. जिसके बाद सितंबर महीने के पहले हफ्ते में सरकार ने व्यापारियों के लिए मसूर दाल के स्टॉक का खुलासा करना जरूरी कर दिया. भारत बड़े पैमाने पर मसूर दाल का आयात कनाडा से करता है. लेकिन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कनाडा में भारतीय एजेंसियों के खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोपों के बाद कनाडा के भारत को मसूर दाल बेचने की रफ्तार धीमी पड़ गई है. वहां के कारोबारियों को आशंका है कि भारत सरकार ट्रेड पर पांबदी लगा सकती है जिसके चलते सेल्स में कमी आई है.
मसूर दाल के लिए भारत आयात पर निर्भर
भारत में पौष्टिक आहार के सेवन में दाल करी बनाने के लिए मसूर दाल का इस्तेमाल किया जाता है. भारत मसूर दाल के खपत के लिए आयात पर निर्भर है. बड़े पैमाने पर मसूर दाल का आयात कनाडा से भारत करता है. रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक कारोबारियों को आशंका है कि दोनों देशों के बीच तनाव के चलते दोनों ही सरकारें ट्रेड पर बंदिशें लगा सकती हैं. ओलम एग्री इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट नितिन गुप्ता ने कहा कि ऐसी आशंका कारोबारियों को सता रही है. हालांकि वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत की ऐसी कोई योजना नहीं है और सरकार ने इंपोर्टरों को ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है. कनाडा भी अपनी ओर से ऐसा कोई निर्णय नहीं ले रहा जिससे दोनों ही देशों के रिश्ते और बिगड़े.
कनाडा से घटी मसूर दाल की खरीदारी
मसूर दाल के प्रोडक्शन में कमी के बाद इस वर्ष 2023 में भारत ने बड़े पैमाने पर कनाडा से मसूर दाल का आयात किया है. कारोबारियों का कहना है कि अभी तक इंपोर्ट को रद्द करने का कोई उदाहरण सामने नहीं आया है. मसूल दाल के उत्पादन में कमी के बाद कीमतों में उछाल देखा जा रहा है. लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान के बाद कनाडा से सप्लाई की कीमतें 6 फीसदी की कमी के साथ 770 डॉलर प्रति मीट्रिक टन तक घट गया है. 2022-23 में कनाडा भारत को मसूर दाल सप्लाई करने वाले सबसे बड़ा देश था. 31 मार्च 2023 तक भारत ने 370 मिलियन डॉलर का 4.86 लाख मीट्रिक टन मसूर दाल का आयात कनाडा से किया था. जो कि भारत के कुल आयात का 50 फीसदी से ज्यादा था. इस वर्ष अप्रैल से जुलाई के बीच कनाडा से मसूल दाल के आयात में पिछले साल के मुकाबले 420 फीसदी का उछाल देखने को मिला है.
ऑस्ट्रेलिया से बढ़ी खरीदारी
भारत में हर वर्ष 2.4 मिलियन मीट्रिक टन मसूर दाल की खपत होती है. जबकि घरेलू उत्पादन केवल 1.2 मिलियन मीट्रिक टन है जो आयात के जरिए पूरा किया जाता है. बहरहाल कनाडा से मसूर दाल की खरीदारी घटने के बाद ऑस्ट्रेलिया से खरीदारी बढ़ गई है.
सरकार पर है दबाव
मसूर दाल की कीमतों में उछाल देखने को मिल रही है. विधानसभा और लोकसभा चुनावों को देखते हुए भारत के लिए कनाडा के मसूर दाल की अनदेखी करना बेहद मुश्किल होगा. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंग ने पिछले दिनों कहा था कि भारत कनाडा से मसूर दाल का आयात बढ़ाने जा रहा है जिससे त्योहारी सीजन के दौरान उचित कीमतों पर उपभोक्ताओं को मसूर दाल उपलब्ध कराई जा सके.
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