नई दिल्ली: घूमना-फिरना हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है. इससे हम हर रोज-हर वक्त कुछ नया सीखते हैं. देश दुनिया की तमाम चीजों को करीब से देखते हैं, कई जगहों की स्थानीय संस्कृति, परंपरा और कलाओं को समझते हैं. न सिर्फ हमारे लिए, बल्कि हमारे देश और बाकि की दुनिया के लिए भी हमारा घूमना-फिरना उतना ही जरूरी है. दरअसल हमारा ये सैर-सपाटा, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाता है. स्थानीय लोगों को रोजगार और मेज़बान समुदायों को सशक्त बनाता है.
इन्हीं तमाम सकारात्मक प्रभावों के मद्देनजर दुनियाभर में हर साल कल यानि 27 सितंबर 2023 के दिन, विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है, जिसका मकसद पर्यटन को बढ़ावा देना, पर्यटकों को आकर्षित करना और घूमने का शौक रखने वालों को नए-नए पर्यटन स्थलों के बारे में जागरूक करना है.
इस खास दिन के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय टूरिज्म को बढ़ावा देकर, तमाम देशों को आपस में जोड़ा जाता है, जिससे पर्यटक अपने देश के साथ-साथ विदेशी संस्कृति की भी जान और समझ सके. मगर कई लोग इस दिन के इतिहास और इसके असल महत्व से अबतक वाकिफ नहीं है, चलिए आज इस ओर गौर करें…
विश्व पर्यटन दिवस कब मनाते हैं?
पूरी दुनियाभर में हर साल पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है, जो इस साल भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 27 सितंबर 2023 को ही मनाया जाएगा. हालांकि भारत अपना राष्ट्रीय पर्यटन दिवस अलग से मनाता है, जिसे हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है.
क्या है विश्व पर्यटन दिवस का इतिहास?
साल 1980 में पहली बार विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया था, जिसकी शुरुआत के पीछे संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन (UNWTO) था. जानकारी के मुताबिक इस खास दिन को मनाने के लिए 27 सितंबर की ही तारीख इसलिए चुनी गई, क्योंकि इसी दिन साल 1970 में संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन को मान्यता प्राप्त हुई थी. लिहाजा संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन की वर्षगांठ के मौके पर ही विश्व पर्यटन दिवस मनया जाता है.
क्या है विश्व पर्यटन दिवस 2023 की थीम?
हर साल विश्व पर्यटन दिवस की एक खास थीम तय की जाती है. जिसे यथास्थिति के अनुरुप तय किया जाता है. जहां कोरोना महामारी और उससे हुई परेशानी के मद्देनजर बीते साल की थीम, Rethinking Tourism तय की गई थी. वहीं इसबार विश्व पर्यटन दिवस 2023 की थीम Tourism And Green Investments तय की गई है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved