नई दिल्ली (New Delhi)। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्ते पटरी से नीचे उतर गए हैं. हालांकि मोदी सरकार ने पंजाब से अलगाववाद और खालिस्तानी आतंकवादी (Separatism and Khalistani terrorists) को जड़ से खत्म करने की कसम खा ली है. इस सिलसिले में भारत सरकार बड़ा एक्शन लेने का प्लान बनाने वाली है।
दरअसल, पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों पर लगाम लगाने के लिए देश की तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने एक साथ कमर कस ली है। इसी के तहत खालिस्तानी गतिविधियों, टेरर एक्टिविटी, फंडिंग और गैंगस्टरों को खत्म करने के लिए 5-6 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ी बैठक बुलाई है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में NIA चीफ, IB प्रमुख, RAW चीफ समेत राज्यों के ATS के प्रमुख भी शामिल होंगे। इस बैठक का प्रमुख एजेंडा खालिस्तानी आतंकवाद की कमर तोड़ना है। इस मीटिंग में विदेशी धरती से खालिस्तानी आतंकी और गैंगस्टर से गठजोड़ के खिलाफ कार्रवाई करने की मजबूत रणनीति बनेगी। बैठक में पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में खालिस्तानी गैंगस्टरों के खात्मे की पूरी प्लानिंग की जाएगी। पंजाब से खालिस्तानी आतंकियों को जड़ से खत्म करने के लिए IB, NIA और AIS मिलकर एक दूसरे के साथ टेरर एक्टिविटीज के इनपुट्स शेयर करेंगे। जिसके बाद इस पर एक्शन लिया जाएगा।
कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसमें भारत सरकार की भूमिका का आरोप लगाया था जिसके बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। इसके बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों ने डोजियर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि निज्जर ने कनाडा की धरती पर अपने संगठन में लोगों की ट्रेनिंग, वित्तपोषण और संचालन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। भारत सरकार कनाडा की सरकार से खालिस्तानी तत्वों पर कार्रवाई के लिए पहले भी कई बार आग्रह कर चुकी है।
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