नई दिल्ली (New Delhi) । केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने सोमवार को नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) में टॉप लेवल पर सात पोस्ट (Post) तैयार करने की इजाजत दी. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की. नाम नहीं छापने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय ने एक एडिशनल डायरेक्टर जनरल (ADG) और छह इंस्पेक्टर जनरल (IG) के पद को सृजित करने की इजाजत दी है. इस संबंध में सोमवार को एक आदेश जारी किया गया है.
वर्तमान में एनआईए में एक एडीजी और चार आईजी हैं. इनका काम खालिस्तान और इस्लामिक आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, सीमा पार भारत विरोधी गतिविधियों, साइबर आतंकवाद, रिसर्च, नकली मुद्रा से संबंधित मामलों, खुफिया जानकारी के साथ-साथ नीतिगत मामलों से संबंधित कामों की निगरानी करना है. गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद एनआईए में दो एडीजी और 10 आईजी होंगे, जो मुख्यतौर पर आतंक के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.
सरकार क्यों तैयार कर रही नया पद?
दरअसल, नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी को टॉप लेवल पर लगातार मजबूत करने की मांग उठ रही है. इसकी वजह ये है कि आईजी, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल और सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के स्तर पर कई सारे मामलों का बोझ है. इस वजह से अब सरकार को लगता है कि अगर ज्यादा पद तैयार किए जाएंगे, तो काम का बंटवारा होगा और अधिकारियों के ऊपर से दबाव कम होगा. यही वजह है कि अब सरकार की तरफ से ये पद मंजूर किए गए हैं.
अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की तरफ से एक एडीजी और छह आईजी की मंजूरी के बाद काम को बांट दिया जाएगा. इससे आतंक के उभरते नए खतरों से निपटा जा सकेगा और उन पर काम हो सकेगा.
2009 में बना था एनआईए
2008 में मुंबई 26/11 आतंकी हमलों के बाद सरकार ने आतंक-विरोधी एजेंसी को 2009 में तैयार किया था. अभी तक एनआईए ने 510 मामले रजिस्टर किए हैं, जिसमें से 94 फीसदी में आरोपियों को सजा मिली है. पिछले साल एजेंसी ने देश के उत्तरी राज्यों के साथ-साथ विदेशों में खालिस्तानी और गैंगस्टर्स के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है.
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