इंदौर। विधानसभा चुनाव में इस बार महिला मतदाता भी जीत-हार के आंकड़ों में बराबर की भूमिका अदा करेंगी। 1000 पुरुषों में महिला मतदाताओं का आंकड़ा 978 पर पहुंच चुका है। 23 तारीख तक जारी आंकड़ों के अनुसार 27 लाख 62 हजार 507 मतदाताओं को सूची में दर्ज कर इंदौर का एपिक रेशो 63.70 तक पहुंच गया है।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के आधार पर 11 सितंबर तक चले मतदाता सूची पुनरीक्षण के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं, वह महिलाओं के सशक्तिकरण की उम्मीद की तरह देखे जा रहे हैं। इस बार के चुनाव में पुरुष मतदाताओं के साथ महिला मतदाताओं की भी महती भूमिका रहेगी। दोनों ही प्रमुख पार्टियों के जनप्रतिनिधि महिला मतदाताओं के माध्यम से जीत-हार के फैसले प्रभावित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।
निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के अनुसार मतदाताओं के लिंगानुपात में महिलाएं हजार पुरुषों पर 978 तक पहुंच गई हैं। विधानसभावार सबसे ज्यादा महिला मतदाता इंदौर चार में दर्ज की गई हैं। यहां का लिंगानुपात हजार पुरुषों की तुलना में बराबरी का है। वहीं दूसरे नंबर पर इंदौर 1, 2 व राऊ में महिला मतदाता दर्ज की गई है। देपालपुर में 1 लाख 34 हजार 904 पुरुष मतदाता हैं, वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 32 हजार 449 है। वहीं प्रत्येक विधानसभावार यदि इस आंकड़े पर नजर डाली जाए तो हजार पुरुषों पर एक-दो महिलाएं ही कम नजर आ रही है।
महिलाएं करेंगी फैसला
एपिक रेशो के आधार पर इंदौर जिले ने पूरे प्रदेश के आंकड़ों को पीछे छोड़ते हुए 63.70 का आंकड़ा पार कर लिया है। टोटल 27 लाख 62507 मतदाताओं ने अपना नाम विधानसभा चुनाव के पहले सूची में दर्ज करा लिया है। इंदौर जिले में कुल 13 लाख 96 हजार 525 पुरुष मतदाता हैं। महिलाएं भी लगभग बराबरी करते हुए 13 लाख 65 हजार 871 दर्ज की गई हैं। हर जेंडर मतदाताओं का आंकड़ा भी सूची में बढ़ता हुआ 111 पर पहुंच गया है। लाड़ली बहना योजना, लाड़ली आवास, सस्ती गैस की टंकी से प्रभावित महिलाएं चुनाव का फैसला पक्ष में कर सकती हैं।
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