इंदौर (Indore)। 20 दिन पहले तक टमाटर दामों में तेजी को लेकर देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ था। बंपर उत्पादन के कारण थोक मंडियों में टमाटर 4 से 6 रुपए किलो तक आ गया है, जिससे किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। उनकी लागत नहीं निकल रही है। दूसरी ओर बीते दिनों लगातार बारिश के चलते खेतों में जलजमाव की स्थिति बनी और टमाटर के पौधे की जड़ें खराब हो गई हैं, जिससे पौधे मुरझा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में टमाटर की नई फसल की आवक शुरू हुए 3 सप्ताह ही हुए हैं कि पिछली एक सप्ताह की बारिश से खेतों में जलजमाव के चलते टमाटर की फसल को काफी हद तक क्षति पहुंची है। खंडवा, सिरसौद, सनावद न पेटलावद, राजगढ़ क्षेत्र के टमाटर उत्पादक किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। प्रदेश की सबसे बड़ी चोइथराम मंडी में पिछले तीन सप्ताह से टमाटर के थोक दाम 4 से 6 रुपए किलो के बीच चल रहे हैं, वहीं खेरची में टमाटर 15 से 20 रुपए किलो तक आम लोगों को उपलब्ध है। आम उपभोक्ता को जहां महंगे टमाटरों से अब निजात मिल चुकी है, वहीं किसान जलजमाव से खराब फसल से खेत खाली करने की तैयारी भी शुरू कर रहे हैं।
महाराष्ट्र की ओर से इंदौर की मंडी में आने वाला टमाटर अब धीरे-धीरे कम होगा। जैसे ही टमाटर के दाम 50 से 70 कैरेट के बीच रहेंगे तो वहां के किसानों को लागत निकालना मुश्किल रहेगा और वह दूसरे शहरों का रुख करेंगे। इसका नतीजा यह रहेगा कि यहां के स्थानीय टमाटर उत्पादक किसानों को इसका लाभ मिल सकता है।
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