इंदौर। शहर में आज नो-कार डे मनाया जा रहा है। इसके चलते कलेक्टर इलैया राजा सिटी बस से और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ई-बाइक से कार्यालय पहुंचे। कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने आज नो कार डे के तहत अपने कार्यालय जाने के लिए लोक परिवहन सेवा का उपयोग किया। वे सुबह कार्यालय जाने के लिए अपने घर से पैदल निकले। जीपीओ पहुँचे। यहां से वे आई बस में सवार हुए।
आई बस से भवर कुआं पहुंचे। भवरकुआ से वे सिटी बस में सवार होकर अपने कार्यालय आये। इसी तरह अन्य अधिकारी-कर्मचारियों ने भी सायकिल/लोक परिवहन सेवा/दो पहिया वाहन आदि का उपयोग किया। देश का सबसे साफ शहर अब पर्यावरण को बेहतर बनाने की ओर बढ़ रहा है। प्रदूषण को कम करने की दिशा में यह अपील की गई है। महापौर भार्गव ने कहा कि इंदौर स्वच्छता में नंबर वन के साथ ही वायु गुणवत्ता स्तर में भी उच्च स्तर पर है। इसके लिए आवश्यक है कि हम सभी पर्यावरण संरक्षण के क्रम में वायु प्रदूषण को रोकने में सहयोग करें।
इसी क्रम में आगामी 22 सितंबर को शहर में नो कार डे मनाने का अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान शहर के जनप्रतिनिधियों के साथ ही शहर की सहयोगी संस्थानों के माध्यम से नागरिकों को चार पहिया वाहन के स्थान पर लोक परिवहन बस, साइकल, बाइक का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की जा रही है।
महापौर भार्गव ने कहा कि एआइसीटीएसएल के माध्यम से संचालित माय बाइक और चलो एप के संबंध में संबंधित से जानकारी ली गई। साथ ही नो कार डे के दिन माय बाइक की संख्या बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। साथ ही विभागीय अधिकारियों से आगामी 22 सितंबर को लोक परिवहन की बसों व अन्य साधनों के उपयोग इन रूट पर अधिक रहे, इस बारे में निर्देश दिए। साथ ही इन्हें इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने के लिए भी कहा गया है।
इसे अलावा कई अनय अधिकारी और हाईकोर्ट के जज भी अपने वाहन की जगह पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग कोर्ट पहुंचे। हाई कोर्ट ने स्टाफ से कार का उपयोग नहीं करने की अपील की है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने साइकिल, ई-बाइक का उपयोग करने की अपील की।
35 लाख की आबादी वाले शहर में 21 लाख कारें
गौरतलब है 35 लाख की आबादी वाले इस शहर में फिलहाल चार पहिया वाहनों की संख्या 21 लाख पार कर गई है। इस वजह से आए दिन ट्रैफिक जाम की स्थिति रहती है। यदि एक दिन के लिए शहर की सड़कों को कारों से मुक्त किया जा सके, तो वायु प्रदूषण में काफी हद तक सुधार हो सकता है।
इसके अलावा कारों के विकल्प के रूप में लोक परिवहन के साधनों की भविष्य आधारित व्यवस्था पर भी विचार किया जा सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved