जबलपुर: मध्य प्रदेश के दो लाख से ज्यादा नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्सेज के छात्र (Students of Nursing and Paramedical courses) पिछले तीन साल से परीक्षा न होने के कारण निराश और परेशान हैं. जबलपुर (Jabalpur) में बुधवार (20 सितंबर) को नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए जमकर अपना गुस्सा दिखाया. उन्होंने एक बार फिर चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द उनकी परीक्षा नहीं कराई तो वो चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं देंगे. इस दौरान उन्होंने डीएम कार्यालय तक कूच किया और उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया.
दरअसल, पिछले तीन सालों से परीक्षाएं न होने से परेशान पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टूडेंट्स ने रैली निकालकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. वो सिविक सेंटर से रैली की शक्ल में घंटाघर तक पहुंचे. इस बीच घंटाघर में जमकर नारेबाजी की गई. छात्र डीएम कार्यालय तक कूच करने के लिए अड़े हुए थे, जिसके बाद पुलिस ने वाटर कैनिंग करते हुए उन्हें तितर-बितर किया. इस दौरान छात्र -छात्राओं ने परीक्षा नहीं तो बीजेपी को वोट नहीं की शपथ भी ली.
छात्रों का कहना है कि जब उन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई शुरू की थी तो बेहतर भविष्य का सपना देखा था. अब परीक्षाएं समय पर नहीं हो रही हैं, जिससे उनका समय तो बर्बाद हो ही रहा है, लाखों रुपये भी खर्च हो चुके हैं. इस हालत में अब ना तो वह नर्सिंग की पढ़ाई छोड़ पा रहे हैं और ना ही कोई नया भविष्य तलाश पा रहे हैं. प्रदेश के लाखों छात्रों का भविष्य अंधकार में जा चुका है. इसलिए इस बार वो वोट नहीं देंगे. गौरतलब है कि कानूनी दांव-पेंच के कारण मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के सत्र 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के नर्सिंग-पैरामेडिकल संकाय की परीक्षा अभी तक नहीं हुई है.
2020-21 के समस्त बीएससी, एमएससी, पोस्ट बेसिक, नर्सिंग स्टूडेंट कि विगत तीन सालों से प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं हुई है. इसके अलावा छात्रों की यह भी मांग है कि नर्सिंग-पैरामेडिकल के सत्र 2023-24 को शून्य घोषित किया जाए. आयुर्वेद और यूनानी परीक्षाएं समय पर हों और छात्रों को तत्काल स्कॉलरशिप का भुगतान किया जाए.
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