मु्ंबई (Mumbai)। वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day 2023) हर साल 29 सितंबर को मनाया जाता है। यह एक वैश्विक अभियान (global campaign) है, जिसकी मदद से लोगों को यह बताया जाता है कि हार्ट (Heart) संबंधी बीमारियों से कैसे बचा जा सकता है।
हृदय रोग, वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर समस्याओं में से एक है। दुनियाभर में हृदय रोगों को मृत्यु के प्रमुख कारण के रूप में भी जाना जाता है। आंकड़े बताते हैं कि वैश्विक स्तर पर हर साल अनुमानित 17.9 मिलियन (1.79 करोड़) लोगों की तमाम प्रकार के हृदय रोगों के कारण मौत हो जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में हर 4 में से 1 मौत हृदय रोग के कारण होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, आनुवांशिकता और आहार-लाइफस्टाइल से संबंधित समस्याओं के कारण हृदय रोगों का खतरा बढ़ता जा रहा है। कुछ दशक पहले तक हृदय रोगों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या के तौर पर देखा जाता था, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में 40 से भी कम आयु वाले लोगों में हृदय रोगों की गंभीर दिक्कतें देखने को मिल रही हैं।
दुनियाभर में बढ़ती इस जानलेवा समस्या के बारे में लोगों को जागरूक करने और इससे बचाव के उपायों के बारे में समझाने के लिए हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। वैसे भी डॉक्टर्स कहते हैं, हृदय प्रणाली को प्रभावित करने वाली किसी भी स्थिति को हृदय रोग कहा जाता है। हृदय रोग कई प्रकार के होते हैं और वे हृदय और रक्त वाहिकाओं को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करते हैं। आइए हृदय रोगों के लक्षणों और कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हृदय के हिस्से को नुकसान होने, रक्त वाहिकाओं में होने वाली समस्या, हृदय को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति में कमी या हृदय गति में अनियमितता के कारण हृदय रोगों का खतरा हो सकता है।
हृदय रोगों की पहचान कैसे करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हृदय रोग के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं। अगर इस तरह की समस्याओं पर शुरुआत में ही ध्यान दे दिया जाए तो हृदय रोगों के गंभीर जोखिमों को कम किया जा सकता है। सभी उम्र के लोगों के लिए इस तरह के समस्याओं पर ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। ऐसे लक्षण अगर कुछ दिनों से लगातार बने रहते हैं तो तुरंत किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें।
एनजाइना या सीने में दर्द।
सांस लेने में दिक्कत।
अक्सर थकान और आलस्य महसूस होते रहना।
बेहोशी या अक्सर चक्कर आना।
जी मिचलाना-उल्टी
जबड़े, गर्दन और पीठ में दर्द की समस्या रहना।
किन लोगों में हृदय रोगों का जोखिम अधिक होता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ लोगों में अन्य की तुलना में हृदय रोगों के विकसित होने का जोखिम अधिक हो सकता है। डॉक्टर्स कहते हैं, जिन लोगों के माता-पिता को हृदय रोगों की समस्या रह चुकी है, ऐसे लोगों में समय के साथ हृदय रोगों के विकसित होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा लाइफस्टाइल की कुछ गड़बड़ आदतें भी हृदय की बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर-हाई कोलेस्ट्रॉल
धूम्रपान या शराब की आदत
अधिक वजन और मोटापा
मधुमेह।
आहार संबंधी गड़बड़ी।
स्लीप एप्निया
हृदय रोगों का इलाज और बचाव
हृदय रोग विशेषज्ञ बताते हैं, हृदय रोगों के प्रकार के आधार पर उपचार के अलग-अलग विकल्पों को प्रयोग में लाया जाता है। दवाओं के माध्यम से हृदय रोगों को बढ़ाने वाले जोखिम जैसे उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल आदि को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। हृदय रोगों के गंभीर मामलों में आपातकालीन सर्जरी की भी आवश्यकता होती है।
डॉक्टर्स कहते हैं, हृदय रोगों से बचाव के लिए दिनचर्या में कुछ सामान्य से बदलाव को अपनाना लाभकारी हो सकता है।
संतुलित आहार का सेवन करें: फाइबर-प्रोटीन से भरपूर आहार, साबुत अनाज, ताजे फल और सब्जियों को आहार में शामिल करें।
नियमित रूप से व्यायाम करें: यह हृदय और संचार प्रणाली को मजबूत करने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है।
वजन को कंट्रोल रखें: बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 20 से 25 के बीच रखकर हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है।
धूम्रपान और शराब से बनाएं दूरी: धूम्रपान और शराब का सेवन हृदय और हृदय रोग संबंधी कारकों को बढ़ाने वाला होता है।
उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह जैसी स्थितियां भी हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं, इसे कंट्रोल में रखें।
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