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    इन्दौर में 600 बाढ़ प्रभावितों को किया शिफ्ट, 50 हजार से अधिक भोजन पैकेट भी बंटे

  • September 18, 2023

    • कलेक्टर पूरे समय डटे रहे मैदान में, महापौर ने भी संभाला मोर्चा मगर निगमायुक्त देरी से आई नजर, बिजली कम्पनी के सामने भी चुनौतियां नहीं रही कम

    इन्दौर (Indore)। 61 साल का रिकॉर्ड तोडऩे वाली जो बारिश इंदौर में हुई उससे समूचा जन-जीवन 48 घंटे तक अस्त-व्यस्त रहा और सरकारी मशीनरी के सामने भी विकट चुनौतियां रहीं। 600 से अधिक इंदौर की ही नीचली बस्तियों और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को शिफ्ट किया और तमाम सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं से लेकर प्रशासन, निगम ने 50 हजार से अधिक भोजन पैकेट तैयार करवाकर भी बंटवाए। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी लगातार ना सिर्फ मैदान में डटे रहे, बल्कि उन्होंने अपना और पूरी टीम का मोबाइल नम्बर भी आम जनता को उपलब्ध कराय, ताकि कहीं कोई फंसा है तो मदद पहुंचाई जा सके। आधी रात के बाद ही कलेक्टर ने निगम कंट्रोल रूम पहुंचकर शहर पर निगाह बनाए रखी। सुबह महापौर ने भी मोर्चा संभाला। मगर निगमायुक्त कल नजर आई और उन्होंने रात में कंट्रोल रूम की व्यवस्था का जायजा लिया।

    मौसम विभाग ने हालांकि भारी बारिश की चेतावनी दी थी, जिसके मद्देनजर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने जहां शुक्रवार की शाम को ही स्कूलों में अवकाश के आदेश जारी किए और रात को जैसे ही तेज बारिश शुरू हुई वे मैदान में निकल पड़े और निगम अधिकारियों के साथ कंट्रोल रूम में तो डटे ही। साथ ही सभी एसडीएम, तहसीलदारों से लेकर पूरे राजस्व अमले को लगाया। साथ ही पुलिस की टीम भी जुटी रही। इसी का परिणाम यह निकला कि इतनी बारिश के बावजूद जनहानि नहीं हुई। शहरभर में पानी अवश्य भराया और अभी भी कई इलाकों में परेशानी है।


    बावजूद इसके जिस तरह 7 इंच पानी रातभर में बरसा उसके मुताबिक कोई जनहानि नहीं हुई। समय पर ही निचली और गरीब बस्तियों से लोगों को शिफ्ट करवाया गया। उनके रहने, खाने की व्यवस्था भी की गई और आम जनता के लिए भी सभी जिम्मेदार अधिकारियों के मोबाइल नम्बर भी जारी करवाए। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी सुबह कंट्रोल रूम पहुंचकर व्यवस्थाएं संभाली और फिर जन प्रतिनिधियों के साथ शहरभर के दौरे करते रहे। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी रात डेढ़ बजे इंदौर सहित प्रभावित जिलों की समीक्षा की और कलेक्टरों से वीडियो कॉल से बचाव और राहत कार्य की जानकारी ली। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को कहा कि अगर सेना और एयरफोर्स की भी जरूरत महसूस हो तो तुरंत इसकी सूचना दी जाए। नतीजतन उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बडऩगर के सेमलिया गांव में फंसे 30 से अधिक ग्रामीणों को कल एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर बुलवाकर उन्हें सुरक्षित निकलवाया।

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