नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (Indian Air Force Chief Air Chief Marshal VR Choudhary) ने कहा था कि यह न केवल भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है। यह दो कारणों से है पहला, भारतीय वायुसेना के लिए यह हमारी सामरिक एयरलिफ्ट क्षमताओं को बढ़ाएगा। एक राष्ट्र के लिए यह एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।
आत्मनिर्भर भारत के लिए इस संयंत्र से पहले 16 विमान निकलने के बाद 17वां विमान भारत में बनाया जाएगा। यह भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक बड़ा कदम है, जहां हम देश में पहला सैन्य परिवहन विमान बनाएंगे। उन्होंने कहा था कि IAF का ऑर्डर 56 विमानों के लिए था। तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना को भी विमानों की आवश्यकता है। ऐसे में यह संख्या 56 से भी अधिक हो सकती है।
इस माह के अंत में बेड़े में शामिल होने की उम्मीद
इससे पहले रक्षा अधिकारी ने बताया था कि सेविले में एक समारोह के बाद विमान भारत के लिए उड़ान भरेगा। सितंबर के अंतिम सप्ताह में हिंडन वायु सेना केंद्र में एक समारोह में इस विमान को सेवा में शामिल किए जाने की उम्मीद है।
सी295 विमान के बारे में जानिए
एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी के साथ दो साल पहले 21,935 करोड़ रुपये में 56 सी295 परिवहन विमानों को खरीदने का सौदा किया था।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) छह दशक पहले सेवा में आए पुराने एवरो-748 विमानों के अपने बेड़े को बदलने के लिए सी295 विमान खरीद रही है।
सी295 को एक बेहतर विमान माना जाता है, जिसका उपयोग 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स के सामरिक परिवहन के लिए किया जाता है।
इसका इस्तेमाल उन स्थानों पर सैन्य साजो-सामान और रसद पहुंचाने के लिए किया जाता है, जहां मौजूदा भारी विमानों के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता।
सी295 विमान पैराशूट के सहारे सैनिकों को उतारने और सामान गिराने के लिए काफी उपयोगी हो सकता है।
इसका उपयोग किसी हादसे के पीड़ितों और बीमार लोगों को निकालने के लिए भी किया जा सकता है।
यह विमान विशेष अभियानों के साथ-साथ आपदा की स्थिति और समुद्री तटीय क्षेत्रों में गश्ती कार्यों को पूरा करने में सक्षम है।
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