नई दिल्ली। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिलों के नाम बदलकर क्रमश: छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने की अधिसूचना जारी कर दी है। राजस्व विभाग की ओर से शुक्रवार रात जारी अधिसूचना में कहा गया है कि कुछ महीने पहले मांगे गए सुझावों और आपत्तियों पर विचार किया गया है और उप-मंडल, गांव, तालुका और जिला स्तर पर नामों को बदलने का निर्णय लिया गया है।
औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का निर्णय इस्तीफे से ठीक पहले 29 जून, 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में पिछली महा विकास अघाड़ी सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक में लिया गया था। हालांकि, एक दिन बाद शपथ लेने वाले सीएम शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि इन स्थानों का नाम बदलने का ठाकरे नीत सरकार का फैसला अवैध है क्योंकि राज्यपाल द्वारा राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहे जाने के बाद उसने यह फैसला किया है।
पिछले साल जुलाई में शिंदे सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों का नाम बदलकर क्रमश: छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने की कैबिनेट मंजूरी दी थी। एमवीए सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया गया था, लेकिन शिंदे सरकार ने इसमें ‘छत्रपति’ शब्द जोड़ दिया।
छत्रपति संभाजी नगर में विभिन्न विकास कार्यक्रमों का उद्घाटन करते हुए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, “पूरी दुनिया जी-20 के लिए आई और इन सभी लोगों को भारत लाने का चमत्कार पीएम मोदी ने किया। हमारा देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश है। यह हमारे वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था और पीएम मोदी ने इसके लिए प्रेरणा दी थी। 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करना प्रधानमंत्री का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश का लक्ष्य एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।”
वहीं, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने पिछली बार हुई कैबिनेट की बैठक के लगभग सभी फैसलों को पूरा किया है। मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो हमसे सवाल कर रहे हैं, उन्होंने (शिवसेना यूबीटी गुट) ढाई साल तक सत्ता में रहने के दौरान क्या किया? उन्होंने मराठवाड़ा जल ग्रिड को नष्ट कर दिया और अब पूछ रहे हैं कि मराठवाड़ा को क्या मिला? ये लोग केवल राजनीति कर रहे हैं और अगर कुछ बैठक मराठवाराड़ा के फायदे के लिए हो रही है तो ये लोग इसमें बाधा पैदा करना चाहते हैं।
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