नई दिल्ली (New Delhi)। आजादी का अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav of Independence) के तहत 75 साल से अधिक उम्र के 84 कलाकारों (84 artists) को संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार से सम्मानित (Sangeet Natak Akademi Amrit Award honored) किया जाएगा। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय (Union Ministry of Culture) के अधीन संगीत नाटक अकादमी की ओर से पहली बार इन दिग्गज कलाकारों को किसी राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जाएगा। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) आज 70 पुरुष और 14 महिला उत्कृष्ट कलाकारों को सम्मानित करेंगे। इनमें सबसे बुजुर्ग मणिपुर के 101 वर्ष के युमनाम जात्रा सिंह हैं। पुरस्कार सूची में 90 वर्ष से अधिक आयु के 13 और 80 साल से अधिक के 38 कलाकार हैं। दो महिला कलाकारों गौरी कुप्पुस्वामी और महाभाष्यम चित्तरंजन को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया जाएगा।
संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा ने बताया कि भारतीय संस्कृति, परंपरा, विरासत को संजोने वाले इन कलाकारों को कभी कोई राष्ट्रीय सम्मान नहीं मिला था। इस अवार्ड के लिए करीब 500 आवेदन आए थे। इसमें से अकादमी की सामान्य परिषद ने विभिन्न मानकों के आधार पर 84 कलाकारों का चयन किया। राष्ट्रीय अवार्ड के रूप में इन वरिष्ठ कलाकारों को ताम्रपत्र, अंगवस्त्रम के अलावा एक लाख रुपये की नकद राशि दी जाएगी। इसके अलावा बीमार होने पर डेढ़ लाख रुपये की धनराशि मदद के रूप में भी दी जाएगी।
दिल्ली के प्रताप सहगल को नाट्य लेखन में सम्मान
प्रताप सहगल को नाट्य लेखन में दिल्ली प्रदेश के तहत अमृत अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। प्रयागराज में 3 मार्च, 1948 को जन्मीं कुमकुम लाल को ओडिसी नृत्य के लिए दिल्ली प्रदेश के तहत अमृत अवार्ड दिया जाएगा।
बीएचयू के पूर्व संगीत शिक्षक चितरंजन ज्योतिषी भी होंगे सम्मानित
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के गायन संगीत विभाग के पूर्व अध्यक्ष चित्तरंजन ज्योतिषी को हिंदुस्तानी गायन संगीत के तहत सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा पूर्णिमा पांडे को कथक, कानपुर के सुशील कुमार सिंह को नाट्य लेखन, लखनऊ में जन्मीं पद्मा शर्मा को कथक नृत्य और आजमगढ़ के हरिपुर गांव में जन्मे दीनानाथ मिश्रा को सम्मानित किया जाएगा।
पंजाब के सुशील कुमार जैन और भीमसेन को सम्मान
पंजाब के रोपड़ में जन्मे प्रसिद्ध तबला वादक सुशील कुमार जैन को हिंदुस्तानी वाद्य संगीत और मुकेरियां में जन्मे भीमसेन शर्मा को हिंदुस्तानी संगीत (गायन और वादन) के क्षेत्र में अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के हरिकृष्ण लंगू-छीरींग स्तंजिन होंगे सम्मानित
श्रीनगर के बडयार बाला गांव में जन्मे हरि कृष्ण लंगू को संबद्ध नाटय कलाएं (रंग संगीत) और लद्दाख के छीरींग स्तंजिन को लद्दाखी संगीत के लिए सम्मानित होंगे।
उत्तराखंड के चार कलाकार होंगे सम्मानित
उत्तराखंड के लोक संगीत और नृत्य में योगदान के लिए भैरव दत्त तिवारी, लोक संगीत में जगदीश ढौंडियाल और नारायण सिंह विष्ट को सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा जुगल किशोर पेटशाली को अमृत अवार्ड दिया जाएगा।
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