नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला मामले में राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दायर जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन (सरसा वेंकटनारायण भट्टी) की बेंच ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 4 अक्टूबर तक के लिए टाल दी. सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत से कहा कि उन्हें नियमित जमानत पर बहस के लिए 3 से 4 घंटे चाहिए.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘हमारे खिलाफ (मनीष सिसोदिया) बहुत सी खबरे छप रही हैं. एक तरफ दूसरी कोर्ट में मीडिया को लेकर गाइडलाइन बनाने की बात चल रही है. उसका हम अदालत को एक लिस्ट सौंपेंगे.’ अदालत ने मनीष सिसोदिया के वकील सिंघवी से कहा कि हमारे पास समय नहीं है, हम ये खबरें नहीं पढते…और हम इनसे प्रभावित नहीं होते. आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया ने दिल्ली शराब घोटाला केस में सीबीआई और ईडी दोनों के मामलों में नियमित जमानत की मांग की है.
इससे पहले शीर्ष अदालत ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा था. आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस साल फरवरी में दिल्ली शराब घोटाला केस में ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में इसलिए अर्जी दाखिल की है, क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था. मनीष सिसोदिया ने अपनी पत्नी के बीमार होने का हवाला देते हुए अदालत से जमानत मांगी है.
दिल्ली शराब घोटाले की जांच का जिम्मा सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियां संभाल रही हैं. दरअसल, इस साल 30 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और उत्पाद शुल्क मंत्री होने के नाते वह एक ‘हाई-प्रोफाइल’ आरोपित हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी जमानत याचिका में सिसोदिया ने दलील दी थी कि इस बात के कोई दस्तावेजी सबूत, यहां तक कि आरोप भी नहीं है कि किसी ने उन्हें रिश्वत दी है.
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