कोलकाता । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता पुलिस के ‘उत्पीड़न’ के खिलाफ (Against Kolkata Police’s ‘Harassment’) उच्च न्यायालय (High Court) का दरवाजा खटखटाया (Approached) । ईडी ने केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी द्वारा पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी से संबंधित एक कार्यालय के कंप्यूटर में “अनजाने में” फ़ाइलें डाउनलोड करने के मामले में कोलकाता पुलिस द्वारा उत्पीड़न के खिलाफ गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और सुरक्षा की मांग की।
ईडी अधिकारी ने पिछले महीने कार्यालय में छापेमारी और तलाशी अभियान के दौरान 16 व्यक्तिगत फाइलें डाउनलोड की थीं, जिसके बाद कॉर्पोरेट इकाई के एक कर्मचारी ने केंद्रीय एजेंसी पर सबूत प्लांट करने का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस के साइबर-अपराध प्रभाग में मामला दर्ज किया था।
ईडी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि छापेमारी और तलाशी अभियान के बाद उसके एक अधिकारी ने अनजाने में फाइलें डाउनलोड कर ली थीं और वे 16 फाइलें छात्रावासों से संबंधित थीं, जिन्हें वह अपनी बेटी के लिए तलाश रहा था, जिसने राज्य के एक प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया है। हालाँकि, एजेंसी ने शहर पुलिस द्वारा उत्पीड़न के डर से न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ से संपर्क किया और अपने अधिकारियों के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा की मांग की है।
ईडी के वकील धीरज त्रिवेदी ने दावा किया कि वित्तीय घोटालों की जांच की प्रक्रिया में उनकी केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे अधिकारियों को परेशान करने के उद्देश्य से अनावश्यक रूप से एक के बाद एक विज्ञप्तियां भेजी जा रही हैं और इन सभी की जड़ वे 16 डाउनलोड की गई फ़ाइलें हैं।”
न्यायमूर्ति सिन्हा ने ईडी को याचिका दायर करने की इजाजत दे दी है, लेकिन कहा कि इसे स्वीकार किया जाएगा या नहीं, इसका फैसला गुरुवार को दूसरे भाग में मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद किया जाएगा। संबंधित ईडी अधिकारी को पहले ही जांच टीम से हटाकर गुवाहाटी स्थानांतरित कर दिया गया है।
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