नई दिल्ली: भारत (India) के नए स्मृति चिह्न (new souvenirs) को अयोध्या के राम मंदिर (Ram temple of Ayodhya) को समर्पित किया गया है. राजस्थान के एक व्यापारी श्रद्धालु (merchant devotee) ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को ये चिह्न भेंट किया है. पिंक स्टोन (pink stone) ने बने इस स्मृति चिह्न में भारत लिखा गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कारसेवकपुरम के कार्यालय में इसे रखा गया है. इसे भेंट करने वाले श्रद्धालु ने इच्छा जताई कि है भारत नाम की जो चर्चा वर्तमान में चल रही है, वह पूरी हो और देश का नाम भारत हो.
वो चाहते हैं कि इसकी शुरुआत श्री राम जन्मभूमि अयोध्या धाम से हो ताकि यह संदेश संपूर्ण भारत में और पूरे सनातन धर्म तक पहुंच सकें. विश्व हिंदू परिषद कार्यालय प्रभारी कारसेवकपुरम, अयोध्या भूपेंद्र सिंह ने TV9 भारतवर्ष से बात करते हुए बताया कि देश का नाम तो भारत ही है. कुछ कथाकथित लोगों ने विभिन्न नाम रख दिए. कुछ लोग यंग इंडिया बोलने लगे. कुछ लोग इंडिया बोलने लगे तो कुछ लोग हिंदुस्तान भी बोलते हैं. परंतु भारत ही हमारे देश का नाम है. विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आचार्य पंडित भी भारत ही बोलते हैं.
भारत शब्द हमारा अपना हिंदी शब्द है. मैं उस श्रद्धालु को बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं कि जिसने अपने भारतीय होने की यह शुरुआत की. भारत शब्द हमारा अपना हिंदी शब्द है और इंडिया जो शब्द है, जब ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आई थी तब से इसका प्रचलन हुआ. लेकिन हम लोग भारतीय हैं और प्रधानमंत्री जी को बहुत-बहुत साधुवाद. जिन्होंने इस शब्द को वापस अपने स्थान पर स्थापित किया. देश का गौरव भारत का नाम , अब विश्व में प्रसिद्ध हो रहा है. यह बहुत अच्छी शुरुआत है और यह शुरुआत राम जन्मभूमि से हो रही है इससे उत्तम कुछ हो नहीं सकता. बता दें कि G20 समिट के दौरान देश के राष्ट्रपति की ओर से भेजे गए निमंत्रण पत्र में भारत नाम लिखा गया था.
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