बीजींग (beijing) । चीन (China) ने एक बार फिर ताइवान के खिलाफ सैन्य दबाव (china military pressure) बनाना शुरू कर दिया है। चीन ने अपने तटीय प्रांत फुजियान और ताइवान (Fujian and Taiwan) के बीच एकीकरण को गहरा करने के लिए योजना जारी की है। इसके अलावा, चीन ने अपने सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए ताइवान को अपने युद्धपोतों से घेर लिया है।
विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने योजना जारी करने के साथ सैन्य ताकत का प्रदर्शन भी किया है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय कमेटी और राज्य काउंसिल ने फुजियान को प्रदर्शन क्षेत्र बनाने में रुचि दिखाई है। ताइवान में अगले वर्ष राष्ट्रपति चुनाव है। इस दौरान चीन ताइवान पर दबाव डालना चाहता है। 24 मिलियन की आबादी के वाले लोकतांत्रिक देश ताइवान को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपने क्षेत्र के रूप में दावा करती है।
अफगानिस्तान में तालिबानों के सत्ता संभालने के बाद वहां पूर्णकालिक राजदूत नियुक्त करने वाला चीन बुधवार को पहला देश बन गया। उसके दूत झाओ जिंग ने काबुल में एक समारोह में परिचय पत्र प्रस्तुत किया। तालिबान प्रशासन के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने एक बयान में कहा, तालिबान प्रशासन में कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद ने एक समारोह में नए दूत का परिचय पत्र स्वीकार किया। तालिबान को किसी भी विदेशी सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी गई है। बीजिंग ने भी यह स्पष्ट नहीं दिया कि क्या बुधवार की नियुक्ति ने तालिबान की औपचारिक मान्यता की दिशा में किसी व्यापक कदम का संकेत है।
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