भोपाल: चुनावी साल (election year) में मध्य प्रदेश की सरकार (Government of Madhya Pradesh) लगातार कर्ज के बोझ तले दबती जा रही है. एक बार फिर फिर से सरकार कर्ज लेने की तैयारी में हैं. सरकार के कर्ज लेने को लेकर कांग्रेस (Congress) ने दावा किया है कि सरकार अपनी स्वयं की ब्रांडिंग के लिए कर्ज ले रही है. वहीं बीजेपी (BJP) ने पलटवार करते हुए कहा कि जनता जर्नादन की सुविधाओं के लिए हम यह राशि खर्च कर रहे हैं.
चुनावी साल में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) आए दिन नित नई घोषणाएं कर रहे हैं. इन घोषणाओं की पूर्ति के लिए बजट की जरुरत पड़ रही है. ऐसे अर्थशास्त्री मानते हैं कि इन योजनाओं को पूरा करने के लए प्रदेश सरकार पर आर्थिक बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. योजनाओं की पूर्ति करने के लिए प्रदेश सरकार लगभग हर महीने ही कर्ज ले रही है. इस कर्ज का बोझ पर सरकार पर नहीं, बल्कि हर प्रदेशवासी पर पड़ेगा.
प्रदेश सरकार द्वारा साल 2023 में अब तक 6 बार कर्ज लिया गया है. इसमें साल 2023 के जनवरी महीने में 2000 करोड़ रुपये, फरवरी महीने में 12000 करोड़, मार्च में 10000 करोड़, मई में 2000, जून में 4000 और सितंबर में 1000 करोड़ का कर्ज लिया गया है. प्रदेश सरकार ने पौने चार लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज लिया है.प्रदेश सरकार द्वारा लिए जा रहे बार-बार कर्ज को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि सरकार स्वयं की ब्रांडिंग के लिए कर्ज ले रही है.
कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बाज हफीज का आरोप है कि बीजेपी सरकार हर योजना की इवेंटबाजी में काफी पैसा बर्बाद करती है. खुद के प्रमोशन के लिए पैसों की जितनी बर्बादी बीजेपी सरकार में हुई है, उतनी इतिहास में कभी नहीं हुई. प्रवक्ता अब्बास हफीज का कहना है कि यह जनता की गाढ़ी कमाई की बर्बादी है. वहीं कांग्रेस के इन आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है.
सरकार के सहकारिता मंत्री अरविंदा भदौरिया का कहना है कि हम जनता जर्नादन की सुविधाओं के लिए खर्च कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सड़क, बिजली, पानी और इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए हमें जितनी जरुरत होगी, उतना कर्ज लेते रहेंगे. हम जो कर्ज लेते हैं उसे चुकाते भी हैं. हमारे पास टैक्स के माध्यम से पैसा आता है उसे हम जनता के हित के लिए खर्च करते हैं.
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