नीमच: कहते है कला किसी पहचान की मोहताज नहीं होती है और यह बात आज सच होती दिखाई देती है. दरअसल पूरे मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) सहित भारत वर्ष में एक मात्र हस्त शिल्प कला (hand craft art) नांदना प्रिंट, दाबू प्रिंट ,इंडिगो प्रिंट को नीमच जिले (Neemuch district) के छोटे से गांव तारापुर में एक परिवार द्वारा जीवित रखा हुआ है.
अब इस कला को दिल्ली में आयोजित हुए जी 20 सम्मेलन में और निखारने का मौका मिला जो, नीमच जिला ही नहीं प्रदेश के लिए भी बड़े गर्व की बात है. दरअसल एक समय पहले पूरे गांव में इस कला के माध्यम से ही लोगों की आजीविका निर्भर थी. लेकिन समय दर समय पीड़ी इस कला से दूर होती चली गई और पूरे गांव में मात्र एक परिवार ही इस कला को जीवित रख पूरे विश्व में इस कला का लोहा मनवा रहे है.
हस्तशिल्प कलाकार पवन झरिया के अनुसार जब मध्यप्रदेश हस्तशिल्प बोर्ड से उन्हें जी 20 सम्मलेन में जाने का निमंत्रण मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने एक पल की भी देरी नहीं करते हुए तुरंत भारत सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता की. कई वर्षों पूर्व इस कला के द्वारा बनाए गए कपड़े आदिवासी समुदाय ज्यादा पहनते थे लेकिन फैशन की दुनिया में उक्त कला थोड़ी दब सी गई थी लेकिन अब एक बार फिर इस और लोगों का रुझान बढ़ा है.
पवन के अनुसार इस कला को कई विदेशी मेहमानों ने पसंद किया और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कला के मुरीद हुए. दरअसल उक्त हस्तशिल्प कला के द्वारा बनने वाले साड़ी या बेड शीट में करीब 18 प्रकार की तकनीक से गुजरना पड़ता है. तब जाकर वो कला निखरती है. उक्त कला में होने वाले कलर बिल्कुल हर्बल होकर किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट नहीं होता है. उसी के चलते कपड़े को मूल रूप में ढलने के लिए कई प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
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