भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एन-डीएपी अर्थात राष्ट्रीय डेटा विश्लेषिकी प्लेटफार्म की उपयोगिता पर केंद्र सरकार के नीति आयोग के सहयोग से हो रही कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एग्पा (अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल) में स्थापित किये गए मूल्यांकन एवं प्रभाव आकलन केन्द्र का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह केन्द्र शासन की नीतियों के असर और लोगों के जीवन में आ रहे बदलाव को देखेगा। केन्द्र द्वारा शासकीय योजनाओं, परियोजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावों का आकलन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शोध, सर्वेक्षण और वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया गया डेटा उपयोगी है। यह सुशासन की नींव है और जनकल्याण में सहायक बनता है। शोध आधारित पुख्ता सांख्यिकी आंकड़े विकास की गति को बरकरार रखते हैं। मध्यप्रदेश में एमपी-डीएपी को एक एग्रीगेटर प्लेटफार्म के रूप में विकसित करने पर विचार किया जाएगा।
एसडीजी प्रगति रिपोर्ट-2023 का विमोचन
भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में तीन दिवसीय (11 से 13 सितम्बर) सम्मेलन और कार्यशाला में अनेक अर्थशास्त्री, शोधकर्ता और विकास से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन के प्रमुख हिस्सों में सुशासन संस्थान में मूल्यांकन एवं प्रभाव आकलन केन्द्र की स्थापना, चाइल्ड एवं जेन्डर बजटिंग पर कार्यशाला, सांख्यिकी प्रणाली को मजबूत बनाने के लिये क्षमता संवर्द्धन कार्यक्रम को भी जोड़ा गया। यह संयुक्त प्रयास प्रदेश के डेटा डिलीवरी तंत्र को सशक्त बनाने में सहायक होंगे। मुख्यमंत्री ने राज्य नीति आयोग मध्यप्रदेश द्वारा प्रकाशित एसडीजी प्रगति रिपोर्ट-2023 का विमोचन किया।
विश्वसनीय डेटा संग्रहण का अभाव था
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रान्सफर) डेटा के बिना संभव नहीं। इस तरह डेटा सुशासन की नींव है। प्रदेश में डेटा संग्रहण और विश्लेषण की क्षमता निरंतर बढ़ाई गई है। प्रदेश में 1 करोड़ 30 लाख बहनों के खाते में सीधे राशि पहुंचाने का कार्य विश्वसनीय और व्यवस्थित आंकड़ों से संभव हुआ है। प्रदेश में पहले विश्वसनीय डेटा संग्रहण और विश्लेषण की क्षमता का अभाव था जो प्रदेश की कमजोरी थी। राज्य नीति आयोग और सुशासन संस्थान के री-ओरिएंटेशन, सांख्यिकी आयोग बनाने, डाटा आधारित सतत विकास लक्ष्य, चाइल्ड बजटिंग और जेंडर बजटिंग जैसे प्रयासों से डेटा के क्षेत्र में आत्म-निर्भरता के ठोस प्रयास किये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अर्थशास्त्री नहीं लेकिन यह जानता हूं कि नीतियां बनाने में, निर्णय लेने में और नीतियों के क्रियान्वयन में डेटा की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मध्यप्रदेश सांख्यिकी आयोग बनाने वाला पहला राज्य
मध्य प्रदेश राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि मध्यप्रदेश सांख्यिकी आयोग बनाने वाला पहला राज्य है। योजनाओं के प्रभाव के आकलन के लिये प्रदेश में युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया है। अनुपूरक बजट में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन के लिये राशि के प्रावधान और महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों के लिये स्थाई व्यवस्थाएं की गई है। पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा योजनाओं के थर्ड पार्टी असिसमेंट के सुझाव को मुख्यमंत्री ने अपनाया। जिस तरह एशियन डेवलपमेंट बैंक ने मूल्यांकन के लिये पृथक ऑफिस बनाया है, वैसा ही मध्यप्रदेश में अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन स्तर को परखने के लिये व्यवस्था की गई है।
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