भोपाल। प्रदेश सरकार अब छोटे शहरों को भी पर्यटन केन्द्रों के रूप में विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। इसके पीछे सरकार की मंशा इन शहरों में नदियों को संरक्षित करने की योजना है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजे भी जा चुके हैं। सरकार द्वारा बनाई गई योजना से शहरों को तीन स्तर पर फायदा होगा। इसमें जिन शहरों को शामिल किया गया है, उन शहरों की नदियों में सीवेज मिलने से वे बदहाल हो चुकी हैं। इससे निजात दिलाने के लिए ही नदियों व तालाबों के किनारे रिवर फ्रंट बनाकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है। जिस पर 25-25 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय को प्रोत्साहन देने पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता योजना के तहत राशि प्रदेश सरकार को मिलेगी। इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा यह योजना तैयार की गई है। इसके साथ ही प्रदेश के आठ शहरों में एक एकड़ क्षेत्र में नगर वन भी विकसित करने की योजना है। इस पर 5-5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नगर वन के लिए जिन शहरों का चयन किया गया है उसमें इंदौर, उज्जैन, भोपाल, देवास, जबलपुर, ग्वालियर, रतलाम, सिंगरौली, कटनी शामिल है।
10 शहरों के तालाबों की सेहत भी सुधरेगी
शहर के तालाब सुधार कर फिर से पानी सप्लाई करने लायक बनाने के लिए 10 शहरों को 5-5 करोड़ मिलेंगे। इसमें खुरई, मैहर, दतिया, बैरसिया के लैंडिया तालाब, शिवपुरी, आष्टा के खेड़ापति तालाब, उज्जैन के गोवर्धन सागर, विष्णु सागर, विक्रम सरोवर व पारस नगर तालाब को शामिल किया है। भोपाल के छोटा तालाब समेत सिरमौर, सिंगरौली व मनगंवा के तालाब शामिल हैं।
भोपाल-इंदौर में बनेंगे पाथ-वे
ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट के तहत पैदल चलने वालों के लिए सुगम बनाया जाएगा। हर शहर को 20-20 करोड़ मिलेंगे। इसके लिए भोपाल व इंदौर को चुना गया है। दोनों जगह दो-दो किमी लंबे पाथवे बनेंगे। भोपाल में चेतक ब्रिज से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन व इंदौर में ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर से पं. दीनदयाल चौराहा तक पाथ-वे बनाया जाएगा।
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