अयोध्या (Ayodhya)। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव (Ramlala’s Pran Pratistha Mahotsav) के मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का आगमन तय है। फिर भी उनका कार्यक्रम किस तिथि को निर्धारित होगा, यह पीएमओ ही तय करेगा। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र (Sri Ram Janmabhoomi Pilgrimage Area) की ओर से भेजे गये पत्र में तीन तिथियों का उल्लेख करते हुए किसी उपयुक्त तिथि में समय देने का आग्रह किया गया है।
मकर संक्रांति के बाद शुरू होने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान अभिजीत मुहूर्त (Abhijeet Muhurta) में रामलला के पूजित विग्रह को गर्भगृह के स्वर्ण जड़ित महापीठ पर प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा। इसके पहले शास्त्रीय विधान के अनुसार नगर दर्शन भी कराया जाएगा। इसकी तिथि 21 व 22 जनवरी में से कोई एक होगी।
विहिप की केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य व श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी कामेश्वर चौपाल का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में उनकी व्यस्तता और सुरक्षा का पहलू महत्वपूर्ण होता है। इस सम्बन्ध में पीएमओ और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर समन्वय के साथ कार्यक्रम तय करती है। ऐसी स्थिति में उस पर टिप्पणी नहीं की जा सकती है, जहां तक 22 जनवरी का प्रश्न है, उस दिन का मुहूर्त बहुत उत्तम है। इसके कारण इस मुहूर्त की चर्चा हो रही है लेकिन वैदिक अनुष्ठान की शास्त्र सम्मत प्रक्रिया है जिसका पालन मूर्धन्य आचार्यों के निर्देशन में होना है।
उधर वैदिक आचार्यों का कहना है कि रामलला के अचल विग्रह को महापीठ पर शुभ मुहूर्त में प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा लेकिन अनुष्ठान की पूर्णता पर नेत्रों उन्मीलन होगा। वहीं नगर दर्शन के लिए उत्सव विग्रह के रूप में विराजमान रामलला जाएंगे।
सात समंदर पार रह रहे प्रवासी-अप्रवासी श्रद्धालुओं से भी साध रहे सम्पर्क
विहिप के केन्द्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र ने श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के रामकोट स्थित आवासीय कार्यालय में मीडिया से कहा कि प्राण प्रतिष्ठा प्रबंधन की बैठक का आयोजन कार्यक्रम को व्यवस्थित ढंग से संपादित करने के लिए है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में देश भर के हर सम्प्रदाय के धर्माचार्यों को आमन्त्रित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट जन भी शामिल होंगे। इसी कड़ी सात समंदर पार विदेशी धरती पर रह रहे प्रवासी-अप्रवासी भारतीय श्रद्धालुओं से भी सम्पर्क साधा जा रहा है। संघ व विहिप की सांगठनिक ईकाईयां विदेशों में भी सक्रिय हैं और भारतीय समुदाय को एकजुट करने की दिशा में विभिन्न अवसरों पर कार्यक्रमों का आयोजन करती है। उसी कड़ी विदेशों में भी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर उत्साह है।
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