नई दिल्ली: चीन और अमेरिका के तनाव के बीच आईफोन (iPhone) बनाने वाली दिग्गज अमेरिकी कंपनी एपल को तगड़ा झटका लगा है. दरअसल, चीन के सरकारी अधिकारियों को आईफोन रखने से प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिसका असर एपल के शेयरों पर देखने को मिल रहा है. हालांकि अभी अमेरिकी कंपनी को और नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस बात के संकेत मिल रहे हैं.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी ने अब iPhone के उपयोग पर अपने प्रतिबंध का विस्तार करने का निर्णय लिया है. जिससे चीन में आईफोन यूजर्स की संख्या में भारी गिरावट आ सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, फ़िलहाल कई एजेंसियों ने अपने कर्मचारियों को काम पर आईफ़ोन नहीं लाने का निर्देश दिया है. हालांकि अब इसे देश भर में व्यापक स्तर पर लागू करने की योजना बनाई जा रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, चीन में सरकारी अधिकारियों को अन्य विदेशी ब्रांड वाले डिवाइसेस का उपयोग काम के लिए नहीं करने या उन्हें कार्यालय में नहीं लाने का आदेश दिया गया है. हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक आदेश नहीं जारी किया गया है लेकिन यह खबर चीन में आग की तरह फ़ैल चुकी है.
रिपोर्ट के अनुसार, अभी यह भी अनिश्चित है कि कितनी कंपनियां या एजेंसियां प्रतिबंध अपनाएंगी. गौरतलब है कि चीनी सरकार संवेदनशील क्षेत्रों में विदेशी तकनीक के इस्तेमाल को खत्म करने के लिए वर्षों से काम कर रही है. ऐसे में यह प्रयास अमेरिका पर अपनी निर्भरता को कम करने का एक प्रयास है.
चीन ने क्यों बैन किया आईफोन
बता दें कि हाल ही में रूस ने दावा किया था कि अमेरिका उसकी जासूसी के लिए आईफोन्स को हैक कर रहा है. इसके साथ ही रूस की डिजिटल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री ने सरकारी कर्मचारियों के लिए आईफोन के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया. ऐसे में चीन ने भी रूस के नक्शे कदम पर चलते हुए यह फैसला लिया हों.
वहीं, चीन में आईफोन बैन करने के दूसरे पहलू पर बात करें तो हाल ही में अमेरिका ने हुआवेई पर प्रतिबंध लगाए गए थे. साथ ही अमेरिकी अधिकारियों को चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक को इस्तेमाल करने से मना किया था.
ऐसे में चीन का आईफोन को लेकर आया फैसला करारा जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. मालूम हो कि चीन में आईफोन के इस्तेमाल पर बैन लगाए जाने के बाद चाइनीज मोबाइल कंपनियों को बड़ा फायदा हो सकता है. इस कड़ी सबसे ज्यादा लाभ हुआवेई कंपनी को मिल सकता है.
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