श्रीनगर । नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष (Vice President of National Conference) उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने शुक्रवार को लद्दाख प्रशासन पर (On Ladakh Administration) पक्षपाती होने का आरोप लगाया (Accused of being Biased) । सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद लद्दाख प्रशासन द्वारा नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) को ‘हल’ चिन्ह आवंटित किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने यह आरोप लगाया।
उमर शुक्रवार को मीडिया से बात कर रहे थे, जब लद्दाख प्रशासन ने लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) चुनाव के लिए एनसी को हल चुनाव चिन्ह आवंटित करने के लिए एक नई अधिसूचना जारी की। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछली एलएएचडीसी चुनाव अधिसूचना को रद्द करने के बाद नई अधिसूचना जारी की गई थी, जिसने एनसी को इन चुनावों के लिए अपने पारंपरिक हल चिह्न से वंचित कर दिया था।
उमर ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक राजनीतिक दल के रूप में हमारा जो अधिकार था, उसके लिए हमें इंतजार करना पड़ा, प्रतीकों के आवंटन के बारे में चुनाव दिशानिर्देश बहुत स्पष्ट हैं। स्पष्ट रूप से, लद्दाख में प्रशासन का एजेंडा बहुत पक्षपातपूर्ण था।” एनसी अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने लद्दाख प्रशासन के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘हमें वह मिला, जो हमारा वैध अधिकार था।’
नेकां को हल चुनाव चिन्ह आवंटित करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक भाजपा नेता ने कहा, “यह देश के सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय है और हम सभी को देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के सामने अपना सिर झुकाना चाहिए। भाजपा नेता ने नाम न बताने का अनुरोध करते हुए कहा, “साथ ही, हम अपने सभी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से न्यायपालिका के हर दूसरे फैसले का समान रूप से सम्मान करने और उसके अधीन रहने का अनुरोध करते हैं।”
कांग्रेस नेताओं ने आम तौर पर इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया में सभी प्रतियोगियों के लिए एक समान खेल का मैदान होना चाहिए। अन्य राजनीतिक दलों ने अब तक इस घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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