इंदौर (Indore)। आखिरकार इंदौर शहर कांग्रेस में भी कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति हो ही गई। पहले शहर के हिसाब से दो से तीन कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की बात कही जा रही थी, लेकिन गोलू अग्रिहोत्री अड़ गए कि वे एकमात्र ही कार्यकारी अध्यक्ष रहेंगे। इसके बाद प्रदेश कार्यालय ने यह नियुक्ति कर दी। गोलू अग्रिहोत्री भी शहर अध्यक्ष के दावेदार थे, लेकिन बागड़ी को होल्ड करने के बाद पिछले महीने सुरजीतसिंह चड्ढा को अध्यक्ष बनाकर उनकी दावेदारी प्रदेश संगठन ने खत्म कर दी। कल शाम उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया। हालांकि पहले अध्यक्ष और बाद में कार्यकारी अध्यक्ष के लिए अमन बजाज भी दौड़ में थे, लेकिन उन्हें प्रदेश महामंत्री बना दिया फिलहाल अमन 5 नंबर विधानसभा से टिकट की दौड़ में भी हैं। सत्यनानारायण पटेल और स्वप्निल कोठारी के बाद उनका नाम भी पैनल में जोड़ा गया है। इसके पहले जिले से अफसर पटेल को प्रदेश महामंत्री बनाया गया था। कार्यकारी अध्यक्ष की दौड़ में विधायक संजय शुक्ला के नजदीकी टंटू शर्मा भी थे, लेकिन उनका नाम आगे नहीं आ पाया और वे खाली हाथ रह गए। गोलू की नियुक्ति के बाद उन कांग्रेसियों में आक्रोश है जो कांग्रेस के झंडों बरसों से उठा रहे हैं। कांग्रेसियों का कहना है कि जमीनी कार्यकर्ता को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता था, लेकिन संगठन ने गोलू को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर दी।
कांग्रेसियों को रोक नहीं पाए
राहल गांधी द्वारा पिछले साल निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ पर कांग्रेस द्वारा हर जिले में यात्रा निकालने के निर्देश दिए गए थे। इंदौर में भी गंगवाल बस स्टैंड से यह यात्रा निकाली गई, जिसमें शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढा, प्रदेश महामंत्री अफसर पटेल, राजेश चौकसे, कार्यकारी अध्यक्ष गोलू अग्रिहोत्री, अरविन्द बागड़ी, विनय बाकलीवाल, अक्षय बम आदि नेता शामिल हुए। यात्रा की शुरूआत में सौ से डेढ़ सौ कार्यकर्ता थे, लेकिन जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ती गई, पीछे से कांग्रेसी गायब होते रहे। चड्ढा ने हाथ में माइक थामा, लेकिन कांग्रेसियों को रोकने वाला कोई नहीं था। बड़ा गणपति पहुंचते-पहुंचते यात्रा में 50 कांग्रेसी ही बचे थे।
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