इंदौर (Indore)। बीआरटीएस कॉरिडोर (शहरी एबी रोड) पर एलिवेटेड ब्रिज बनाने के बजाय एलआईजी, पलासिया और नवलखा चौराहे पर फ्लायओवर ब्रिज बनाने की योजना पर पीडब्ल्यूडी ने काम शुरू कर दिया है। सितंबर में ही तीनों फ्लायओवर का प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार को भेज दिया जाएगा।
करीब तीन साल से बीआरटीएस कॉरिडोर पर एलआईजी से नवलखा चौराहे के बीच एलिवेटेड ब्रिज बनाने की कवायद हो रही थी। बाद में इसे लेकर विरोध के स्वर उठे और जनप्रतिनिधियों ने ही इस योजना को रद्द करने की मांग कर दी। इस बीच पीडब्ल्यूडी ने 306 करोड़ रुपए में इसका ठेका एक कंपनी को सौंप दिया था। पिछले महीने नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने इंदौर में जनप्रतिनिधियों और अफसरों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की थी। तब तय किया गया था कि एक एलिवेटेड ब्रिज बनाने के बजाय अत्यधिक ट्रैफिक दबाव वाले तीन जंक्शन पर फ्लायओवर बना दिया जाए। उसी के बाद पीडब्ल्यूडी ने एलआईजी, पलासिया और नवलखा चौराहों पर फ्लायओवर बनाने का सर्वे किया है। तीनों ब्रिज बीआरटीएस कॉरिडोर के समानांतर ही बनाने की योजना है।
280 करोड़ रुपए में बनेंगे फ्लायओवर
लगभग 280 करोड़ रुपए से तीनों ब्रिज चार-चार लेन चौड़े बनाने का प्रस्ताव है। इसी महीने यह प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी मुख्यालय को भेजा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद शासन स्तर से ही तीनों फ्लायओवर के टेंडर बुलाए जाएंगे। हालांकि इससे पहले प्रदेश सरकार को एक पेंच सुलझाना होगा। दरअसल, जिस कंपनी को एलिवेटेड रोड बनाने का ठेका दिया गया है, उससे हुए अनुबंध में यह बिंदु शामिल है कि यदि सरकार जमीन उपलब्ध करवाकर ब्रिज निर्माण शुरू नहीं करवा पाती तो सरकार को उसे 30 करोड़ रुपए बतौर हर्जाना देना होंगे। हालांकि अब तक तो कांट्रेक्टर एजेंसी ने किसी तरह की राशि क्लेम नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि यदि सरकार ठेका निरस्त करती है तो कंपनी जरूर क्लेम मांगेगी।
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