नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) हेट स्पीच मामले में (In Hate Speech Case) केंद्रीय मंत्री (Union Minister) अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) और भाजपा सांसद (BJP MP) प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma) के खिलाफ सीपीआई-एम नेता (CPIM Leader) वृंदा करात की याचिका (Vrinda Karat’s Petition) पर तीन अक्टूबर को (On October 3) सुनवाई करेगा (Will Hear) ।
सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सीपीआई-एम नेता वृंदा करात की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें केंद्रीय मंत्री के खिलाफ एफआईआर के लिए ट्रायल कोर्ट के इनकार को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी। अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा पर सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान नफरत भरे भाषण देने का आरोप है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने तीन अक्टूबर को सुनवाई तय की और स्पष्ट किया कि मामले में आगे कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा। पीठ ने कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो रजिस्ट्री न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली वर्तमान याचिका को सुनवाई के लिए टैग करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश से आदेश मांगेगी, जो हेट स्पीच के मुद्दे से निपट रही है।
इससे पहले इसी साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया मजिस्ट्रेट का यह रुख सही नहीं है कि भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मंजूरी की आवश्यकता है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल जून में नफरत भरे भाषणों के लिए ठाकुर और वर्मा के खिलाफ सीपीआई-एम नेता करात और के.एम.तिवारी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।
ट्रायल कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि भाजपा नेताओं ने लोगों को भड़काने की कोशिश की थी, इसके परिणामस्वरूप दिल्ली में दो स्थलों पर गोलीबारी की तीन घटनाएं हुईं। याचिकाकर्ता ने जनवरी 2020 में दिल्ली में एक रैली का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि ठाकुर ने शाहीन बाग के सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों की आलोचना करने के बाद भीड़ को भड़काऊ नारे लगाने के लिए उकसाया। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि इसके अलावा, वर्मा ने उसी महीने शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था।
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