नई दिल्ली (New Dehli) । मोटापा, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज जैसी शारीरिक (physical) समस्याओं की ओर तो हर कोई ध्यान देता है लेकिन काफी कम लोग हैं जो आंखों की हेल्थ (Health) की ओर भी ध्यान देते हैं. दरअसल, जिस तरह से दूसरी बीमारियों (diseases) से बचे रहने के लिए उपाय करते हैं और डाइट (diet) लेते हैं, उसी तरह आंखों की सेहत (Health) पर भी ध्यान देना काफी जरूरी है. अगर आखों की हेल्थ पर ध्यान ना दिया जाए तो समय के मुताबिक वे कमजोर होती जाती हैं.
अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए आपको क्या खाना चाहिए, यह भी जानना काफी जरूरी हो जाता है. दरअसल, आंखों की हेल्थ के लिए नारंगी, गुलाबी और लाल रंग के फल-सब्जियां खाना चाहिए. स्पेकसेवर्स के साथ इंटरव्यू के दौरान न्यूट्रिशनिस्ट डेल पिन्नॉक ने कहा, ‘अच्छा पोषण हमारे पूरे शरीर को सही तरीके से काम करने में मदद करता है. आंखों की हेल्थ भी हमारे स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे लोग अक्सर प्राथमिकता नहीं देते.’ दृष्टि को बढ़ावा देने के लिए और अवांछित समस्याओं से बचाने के लिए डेल पिन्नॉक ने कुछ चीजें बताई हैं जिन्हें डाइट में लेना चाहिए.
1.सैल्मन
फैट वाली और काफी अच्छे टेस्ट वाली सैल्मन मछली में प्रोटीन काफी अधिक होता है. साथ ही साथ उसमें ओमेगा -3 फैटी एसिड और एस्टैक्सैन्थिन भी होता है जो उम्र से संबंधित मैक्यूलर डीजेनरेशन (एएमडी), ग्लूकोमा जैसी आंखों की स्थितियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है. यदि आपको सैल्मन पसंद नहीं है तो एस्टैक्सैन्थिन के अन्य बेहतरीन सोर्स में ट्राउट या झींगे भी हैं. ओमेगा 3 मैकेरल, सार्डिन, अखरोट और चिया सीड्स में भी पाया जाता है.
2. नारंगी सब्जियां
नारंगी मिर्च और शकरकंद दोनों ही बीटा कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट फाइटोकेमिकल से अपना नारंगी रंग प्राप्त करते हैं. आपका शरीर बीटा कैरोटीन को विटामिन ए में परिवर्तित करता है जो आंखों के लिए फायदेमंद है. विशेषज्ञों के अनुसार बीटा कैरोटीन एएमडी, मोतियाबिंद और डायबिटिक रेटिनोपैथी के जोखिम को भी कम करती है.
3.टमाटर
टमाटर में लाइकोपाइन नामक एक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो मोतियाबिंद के विकास के जोखिम को कम करने में भी मदद करता है. इसलिए सभी को टमाटर विशेष रूप से खाना चाहिए इससे ओवरऑल हेल्थ के साथ आंखें भी सही रहेंगी.
आंखों को सही रखने के अन्य महत्वपूर्ण कारकों में एक्सरसाइज करना, पर्याप्त नींद लेना औरहर 2 साल में आंखों की जांच कराना शामिल है. इससे आपको अपने में होने वाले बदलावों पर नजर रखने में मदद मिल सकेगी.
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