5000 हिंदुओं ने एक साथ यज्ञोपवीत धारण किया, भारत के बुक ऑफ रिकॉर्ड्स दर्ज
कुंडाइम को गोवा के हृद्य गुरुपीठ श्री क्षेत्र तपोभूमि में श्री दत्त पद्मनाभ पीठ के पीठाधीश्वर , पद्मश्री विभूषित धर्मभूषण सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजी (Padmashri Vibhushit Dharmabhushan Sadguru Brahmeshanandacharya Swamiji) के दिव्य मार्गदर्शन में “श्रावणी” बड़े हर्षोल्हास के साथ संपन्न हुई।
“हिंदू धर्म में मानव कल्याण का मार्ग बताया गया है, त्योहार ऋषि-मुनियों द्वारा दिए गए उपहार हैं। श्रावणी अनुष्ठान वैदिक परंपरा में किया जाने वाला एक अनुष्ठान है। इस भव्य आयोजन से गोवा की असली पहचान पुरे विश्व को होगी| हिंदू धर्म में धार्मिक अनुष्ठान प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना और प्रकृति का संरक्षण करना सिखाते हैं।”ऐसा प्रबोधन पद्मश्री धर्मभूषण सद्गुरू ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजीने किया|
इस आयोजन में, हजारों हिंदू एकत्रित हुए और पूज्य सद्गुरुजी के पावन सान्निध्य में यज्ञोपवीत धारण किया। कार्यक्रम में देश-विदेश से वरिष्ठ संत-महंत शामिल हुए। इनमें श्री शिवानंद सरस्वतीजी सूर्यचंद्र योगाश्रम रोम – इटली, श्री बाबा हठ योगीजी, अधिपति-गौरीशंकर मंदिर गौशाला – हरिद्वार, महंत श्री ऋषीश्वरानंद स्वामीजी – चेतन ज्योति आश्रम हरिद्वार, श्री योगी आशुतोषजी – योगगुरु दिल्ली, श्री महंत कृपालुदासजी – श्री दशरथ महल,अयोध्या – उत्तर प्रदेश आदि संतों का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ। गोवा राज्य के पर्यटन मंत्री मा. रोहन जी खंवटे (State Tourism Minister Hon. Rohan ji khante,) समाजकल्याण तथा पुरातत्व डिपार्टमेंट मंत्री श्री सुभाषजी फळदेसाई , कुंभारजुवा मतदार संघके आमदार राजेशजी फळदेसाई,मये मतदार संघके आमदार प्रेमेंद्र शेट,वास्को मतदार संघ आमदार कृष्णा(दाजी) साळकर, डिचोली मतदार संघके आमदार चंद्रकांतजी शेट्ये ,माजी उपमुख्यमंत्री बाबू कवळेकर,माजी वीजमंत्री मिलिंद नाईक, जस्टिस धर्मराज मीनाजी – राजस्थान, श्री गोविंदजी ढोलकिया – डाइमंड उद्योजक फाउंडर तथा चेएरममन श्री रामकृष्ण एक्सपोर्टस् गुजरात , विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी मोहन आमशेकरजी, अमित शर्माजी – उद्योजक गुजरात, सौ पायल मांद्रेकर और श्री सचीन मांद्रेकर – उद्योजक समाज सेवक USA तथा गोवा के बाहर से आये विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया।
यह गोमांतकियों के लिए गौरव की बात है कि हजारों हिंदू भाइयों ने तपोभूमि में एक साथ आकर एक ही स्थान पर यज्ञोपवीत धारण किया, इस भव्य दिव्य समारोह को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स जहां ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’, ‘वियतनाम बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’, ‘इंडो-चाइना बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ सहित सभी प्रमुख नेशनल बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स के रिकॉर्ड धारक शामिल हैं। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से संबद्ध है। इस एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के परीक्षक के रूप में डॉ. आनंद बिरादर और डॉ. फ्रैंकलिन डाएस मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में सभी हिंदू धर्माभिमानियों ने भाग लिया और गोमंतक की असली पहचान, हिंदू धर्म की तस्वीर दुनिया के सामने रखी। यज्ञोपवीत धारण, उत्सर्जन, उपाकर्म, तर्पण, हवन, मृत्तिका स्नान, मिन्दवती होम, यमप्रार्थना, गोपूजन, सभादीपदान, सद्गुरु पूजन आदि विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान श्रावणी में किये गये। आरती एवं महाप्रसाद से कार्यक्रम का समापन किया गया|
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