देवास: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का पर्व पूरे देश भर में उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया. बहनों ने अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधे. वहीं भाईयों ने भी अपनी बहनों को उपहार दिए. रक्षाबंधन का पर्व जेलों भी मनाया गया, जहां जेल पहुंचकर बहनों ने अपनी भाईयों की कलाई पर राखी बांधी. देवास (Dewas) जेल में मानवता की झलक देखने को मिली. देवास जेल में जिन बंदियों की बहनें उनसे मुलाकात करने और राखी बांधने नहीं आ सकीं. उनको जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे (Jail Superintendent Himani Manware) द्वारा राखी बांधी गई.
वहीं जिन बंदियों को जेल अधीक्षक द्वारा राखी बांधी गई उन्होंने पुन: कोई अपराध नहीं करने की प्रतिज्ञा जेल अधीक्षक मनवारे को उपहार स्वरूप भेंट की. देवास जेल में एक नवाचार और देखने को मिला. यहां पुरुष बंदियों ने अपने हाथों से ईको फ्रेंडली भगवान गणेश की मूर्ति बनाई थी. पुरुष बंदियों ने राखी बंधवाने के बाद अपनी बहनों को यही मूर्ति उपहार स्वरूप भेंट की. जेल में बंदियों द्वारा तैयार की गई भगवान गणेश की मूर्तियां विशेष रूप से इस प्रकार से निर्मित की गई.
इसमें अलग-अलग प्रकार के पौधों के बीच रखे गए, ताकि विसर्जन के बाद प्रतिमा से एक नया पौधा प्रकृति को मिल सके. जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे ने बताया कि भोपाल जेल मुख्यालय के आदेशानुसार बंदियों को उनकी बहनों से राखी बंधवाने और खुली मुलाकात के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, जिसमें बंदी भाईयों को राखी बांधने के लिए आने वाली बहनों के लिए जेल प्रशासन द्वारा आकस्मिक चिकित्सा सुविधा, शीतल पेयजल, राखी की नि:शुल्क व्यवस्था थी. जेल में राखी बंधवाने का समय सुबह आठ से दोपहर एक बजे तक नियत था, बावजूद दूर दराज से जेल पर देरी से पहुंची बहनों को भी राखी बांधने का अवसर दिया गया.
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