पूजा-अर्चना, नारियल फोडऩे के साथ विशालकाय क्रेनों के जरिए सुबह 9 बजे से शुरू की अनलोड की प्रक्रिया, कल से सेफ्टी रन की होगी तैयारी, ताकि 6 किलोमीटर पर 14 सितम्बर को सफलतापूर्वक ट्रायल रन लिया जा सके
इंदौर। आज से इंदौर मेट्रो (Metro) युग में प्रवेश कर गया है। सुबह 9 बजे विशालकाय क्रेनों की सहायता से कल रात बड़ोदा से इंदौर (Indore) पहुंची पहली तीन कोचों को पूजा-अर्चना, नारियल फोडऩे के बाद अनलोड किया गया। अब आज दिनभर इन तीनों पीले रंग के कोचों को तैयार किय जाएगा और फिर कल से सेफ्टी रन की शुरुआत होगी, ताकि 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर 14 सितम्बर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की मौजूदगी में सफल ट्रायल रन लिया जा सके।
इंदौर भी देश के उन चुनिंदा महानगरों में शामिल हो गया जो मेट्रो सिटी कहलाते हैं। आज से इंदौर में मेट्रो युग की शुरुआत हो गई। हालांकि इसका काम तो पिछले दो-ढाई वर्षों से चल रहा था। गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर-3 यानी टीसीएस चौराहा तक 6 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर को तैयार किया जा रहा है, जिस पर 14 सितम्बर को ट्रायल रन के चलते पहली मेट्रो ट्रेन दौड़ेगी, जिसके तीन कोच कल रात विशालकाय ट्रालों में लदकर इंदौर पहुंचे और आज सुबह 9 बजे से गांधी नगर में बने मेट्रो डिपो में उनके अनलोड की प्रक्रिया शुरू की गई। सांसद शंकर लालवानी इस अवसर पर मौजूद रहे, जिन्होंने पूजा-अर्चना और नारियल फोडक़र मेट्रो कोच के अनलोड की प्रक्रिया शुरू करवाई। विशालकाय क्रेनों की सहायता से इन भारी-भरकम कोचों को सावधानीपूर्वक उतारकर पटरी पर रखा जा रहा है। यानी इंदौर की पहली मेट्रो ट्रेन आज पटरी पर उतर गई है। अब मेट्रो प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियरों और तकनीकी स्टाफ द्वारा इन कोचों को तैयार किया जाएगा। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह लगातार ट्रायल रन की तैयारियों पर निगाह रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि इंदौर में तीन कोच की पहली ट्रेन अनलोड आज हो गई है और अब ट्रायल रन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उसके पहले सेफ्टी रन भी किया जाएगा, जिसमें धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाकर टेस्टिंग की जाएगी। यह प्रक्रिया 8 से 10 दिन लगातार चलेगी, ताकि ट्रायल रन में किसी तरह की तकनीकी परेशानी ना आए।
भोपाल पिछड़ा, इंदौर निकला आगे, पहले हो जाएगा ट्रायल रन
पिछले दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मेट्रो ट्रेन के मॉडल का लोकार्पण किया, जिसे देखने भी बड़ी संख्या में नागरिक पहुंचे, लेकिन ट्रायल रन के मामले में इंदौर बाजी मारेगा और भोपाल पीछे रह गया, जहां पर 20 सितम्बर या उसके बाद ट्रायल रन संभावित है। अभी तो भोपाल के लिए कोच बड़ोदा से रवाना भी नहीं हो पाए हैं, जबकि इंदौर के ट्रायल रन के लिए तीन कोच की ट्रेन कल रात ही पहुंच गई, जिसे आज सुबह अनलोड कर पटरी पर उतारा गया। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा इंदौर में ट्रायल रन लिया जाएगा और संभव है कि इस अवसर पर वे इंदौर से उज्जैन मेट्रो की घोषणा भी कर दें, क्योंकि उज्जैन के साथ-साथ देवास-पीथमपुर को भी जोडऩे की मांग उठती रही है। अभी बड़ी संख्या में इंदौर से उज्जैन लोगों का आना-जाना महाकाल लोक के कारण बढ़ गया है, , जिसके चलते इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो अत्यंत सफल भी साबित होगी और सुपर कॉरिडोर से गुजर रही मेट्रो भौंरासला से आसानी से उज्जैन तक ले जाई जा सकती है।
120 टन वजनी तीन कोच बड़ी मशक्कत के बाद पहुंचे हैं इंदौर डिपो तक
ट्रायल रन के लिए 120 टन वजनी तीन कोच विशालकाय ट्रालों के जरिए इंदौर लाए गए। एक कोच का वजन लगभग 40 टन बताया गया है और बड़ोदा की सावली फैक्ट्री से ये कोच ट्रालों में रवाना किए गए। चूंकि 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही ये विशालकाय ट्राले चल सकते हैं, जिसके चलते ये कल रात इंदौर पहुंचे। जबकि 23 अगस्त को बड़ोदा से रवाना हुए थे। इन विशाल ट्रालों को चलाने वाले ड्राइवरों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया गया और रास्ता भी लम्बा तय करना पड़ा। झाबुआ की बजाय उदयपुर होते हुए इन ट्रालों को इंदौर लाया गया। 74 पहियों वाले तीन ट्रालों पर लदकर ये चमचमाते तीनों कोच लगभग 800 किलोमीटर का सफर तय कर सफलतापूर्वक इंदौर पहुंचे हैं। और कल रेत रात इन्हें गांधी नगर स्टेशन लाया गया, जहां आज सुबह अनलोड करने की प्रक्रिया पूरी सावधानी के साथ शुरू की गई। अब इन तीनों पीले रंग के कोचों को सेफ्टी रन के लिए इंजीनियरों द्वारा तैयार किया जाएगा।
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