सम्पत्ति कर के 30 हजार से ज्यादा खातों में गड़बडिय़ां, अब भी कई खातों में चार गुना राशि बकाया बता रहा है पोर्टल
इंदौर। 15 दिन पहले भोपाल (Bhopal) से ई-नगरपालिका की पांच सदस्यीय टीम पोर्टल की गड़बडिय़ां सुधारने इंदौर (Indore) आई थी और दावा किया गया था कि सुधार कार्य पूरा कर दिया गया है, लेकिन टीम के लौटते ही गड़बडिय़ां फिर सामने आने लगीं। हर झोन पर खातों की गड़बडिय़ों के कारण टैक्स (Tax) जमा नहीं हो पा रहा है और निगम की टीमें बकायादारों के यहां नोटिस भेज रही हंै। अनुमान के मुताबिक 30 हजार से ज्यादा खातों में गड़बडिय़ां हैं।
संपत्ति कर के खातों की गड़बडिय़ों को लेकर नगर निगम राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने पूर्व में सारे झोनों पर इसका सुधार कार्य किया था, लेकिन पोर्टल की गड़बडिय़ों के कारण मामला उलझन में पड़ा रहा। बाद में विभाग के ही आला अधिकारियों ने भोपाल नगरीय प्रशासन विभाग को शिकायत की तो 15 दिन पहले ई-नगरपालिका की पांच सदस्यीय टीम इंदौर आई, जिसने निगम मुख्यालय से लेकर कई झोनलों पर जाकर व्यवस्था देखी और सुधार कार्य किए थे। दावा किया गया था कि अब गड़बड़ी नहीं होगी, लेकिन दूसरे-तीसरे दिन से ही फिर से वही स्थिति बनने लगी। कई खातेदारों की बकाया राशि चार गुना बताई जाने लगी, जिससे झोनलों पर हंगामा मचने लगा। राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक करीब 30 हजार से ज्यादा खातों में गड़बडिय़ां हैं। अब फिर ई-नगरपालिका के आला अधिकारियों को इंदौर बुलाकर निगमायुक्त, महापौर, राजस्व विभाग के अधिकारी विस्तृत चर्चा करेंगे।
दो बार पत्र लिख चुके हैं, ई-नगरपालिका से मुक्त कर दो
राजस्व विभाग के अधिकारी खातों की गड़बडिय़ों को लेकर परेशान हैं, क्योंकि कई बार लोक अदालत और अभियान के दौरान जब बड़ी संख्या में करदाता राशि जमा करने निगम के झोनल अथवा मुख्यालय पर पहुंचते हैं तो वहां पोर्टल पर कई लोगों की राशि जमा होने के बावजूद वर्षों से बकाया होना बता दी जाती है। जिन लोगों के बिल 4 से 5 हजार रुपए तक जमा होते रहे हैं, उनके खातों में 20 से 25 हजार रुपए तक बकाया बता दिए जाते हैं। इसको लेकर नगर निगम ने शासन को पत्र लिखकर ई-नगरपालिका से मुक्त किए जाने की मांग भी की थी।
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