नई दिल्ली (New dehli) । याचिकाकर्ता (the petitioner) ने मौलिक अधिकारों विशेष रूप से कानून (Law) के समक्ष समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14), भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of expression) (अनुच्छेद 19), जीवन का अधिकार (अनुच्छेद 21) और पेशे एवं धर्म का अभ्यास (practicing religion) व प्रचार की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) का हवाला (hawala) दिया है।
हरियाणा के नूंह जिले में हिंदू समुदाय को लक्षित करके सांप्रदायिक हिंसा का आरोप लगाते हुए प्रदीप भंडारी और रतन शारदा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इसमें घटना की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि मामले की सुनवाई नूंह से बाहर की जाए और दंगे में जलाए गए घरों की ऑडिटिंग कराई जाए। इसके अलावा हरियाणा सरकार को मृतकों के परिवार को एक करोड़ और घायलों को 20 लाख रुपये का मुआवजा जारी करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने मौलिक अधिकारों विशेष रूप से कानून के समक्ष समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14), भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19), जीवन का अधिकार (अनुच्छेद 21) और पेशे एवं धर्म का अभ्यास व प्रचार की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) का हवाला दिया है। इसमें कहा गया है कि नूंह की घटनाओं में पीड़ितों के जीवन के अधिकार का उल्लंघन हुआ है। याचिका में देश भर में भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए धार्मिक कार्यक्रमों और त्योहारों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश जारी करने की भी मांग की गई है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस को ‘हल’ चुनाव चिह्न न दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आगामी लद्दाख हिल काउंसिल चुनावों के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नेशनल कांफ्रेंस को ‘हल’ चुनाव चिह्न नहीं देने पर नाराजगी जताई और इस संबंध में लद्दाख प्रशासन के कृत्य को ‘अनुचित’ करार दिया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने मौखिक रूप से कहा, यह अनुचित है… अगर जरूरत पड़ी तो हम चुनाव कार्यक्रम रद्द कर देंगे।
केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) ने हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर की है जिसमें पार्टी को ‘हल’ चिह्न अधिसूचित करने के लिए कहा गया है। पार्टी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 16 अगस्त थी। पीठ ने यूटी प्रशासन को सोमवार को पहले मामले के रूप में तय करते हुए उसे आगाह किया कि अदालत चुनाव कार्यक्रम को रद्द कर सकती है।
सतेंद्र जैन की अंतरिम जमानत एक सितंबर तक बढ़ी
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री सतेंद्र जैन को चिकित्सा आधार पर दी गई अंतरिम जमानत की अवधि एक सितंबर तक बढ़ा दी। जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई 2022 में गिरफ्तार किया था लेकिन उन्हें चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दे दी गई थी। जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ को जैन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि रीढ़ की हड्डी के महत्वपूर्ण ऑपरेशन के बाद वह पुनर्वास के दौर से गुजर रहे हैं।
हाथरस कांड के पीड़ित परिवार को बाहर बसाने की मांग पर यूपी सरकार को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें हाथरस सामूहिक दुष्कर्म की मृत पीड़िता के परिवार को उत्तर प्रदेश राज्य से बाहर में ’बसाने’ की मांग की गई है। परिवार ने कहा है कि अगर उन्हें दिल्ली में रहने की व्यवस्था की जाए तो अधिक बेहतर होगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सतेंद्र कुमार की याचिका पर यूपी सरकार समेत अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है। पिछले साल जुलाई में पारित इलाहाबाद हाईकोर्ट के के आदेश के खिलाफ यह विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य के भीतर पीड़ितों और गवाहों के साथ अमानवीय व्यवहार और सामाजिक-आर्थिक वंचना पर विचार करते हुए पीड़ित परिवार को राज्य के बाहर पुनर्वास किया जाए।
मथुरा में विध्वंस अभियान पर यथास्थिति आदेश को बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि के निकट स्थित एक बस्ती में रेलवे अथॉरिटी की ओर से किए जा रहे विध्वंस अभियान के संबंध में 16 अगस्त को दिए यथास्थिति आदेश को बढ़ाने से मना कर दिया। दरअसल, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ को रेलवे ने सूचित किया कि विध्वंस पूरा हो गया है। पीठ ने याचिकाकर्ता के अधिकार क्षेत्र पर भी सवाल उठाया और कहा कि वह विध्वंस से प्रभावित नहीं है क्योंकि वह विवादित क्षेत्र में नहीं रहता है। पीठ ने याचिकाकर्ता को रेलवे के जवाबी हलफनामे पर जवाब दाखिल करने का समय दिया और मामले को अगले सोमवार के लिए रख दिया। 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करते हुए केंद्र सरकार और रेलवे को नोटिस जारी किया था और दस दिनों तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। 9 अगस्त को सरकार ने रेलवे ट्रैक के किनारे एक बस्ती में 135 घरों को नष्ट कर दिया गया था।
कार्ति चिदंबरम को फ्रांस, यूके की यात्रा की अनुमति
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम को 15 से 27 सितंबर तक फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम की यात्रा करने की अनुमति दे दी। कार्ति चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामलों के आरोपियों में से एक हैं। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने कहा, मामलों में आरोपियों की ओर से दिए गए आवेदन स्वीकार किए जाते हैं। कार्ति ने 18 से 24 सितंबर तक सेंट ट्रोपेज, फ्रांस में आयोजित होने वाले सेंट ट्रोपेज ओपन नामक एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय टेनिस टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए वहां जाने की अनुमति मांगते हुए अदालत में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि इसके बाद उन्हें उनसे मिलने के लिए लंदन, यूके में रह रही अपनी बेटी से भी मिलने जाना है। इसके अलावा यह भी कहा गया था कि उन्हें यूके में उनकी कंपनी टोटस टेनिस लिमिटेड की कुछ बैठकों और व्यावसायिक गतिविधियों में भाग लेना है।
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