प्रमुख सचिव ने एनएचआई से तकनीकी जानकारी जुटाने को कहा, एबी रोड के प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर की बजाय अलग-अलग फ्लायओवरों का बेतुका सुझाव भी आया
इन्दौर। बायपास (Bypass) को लेकर कई तरह के प्रयोग सामने आ रहे हैं। दरअसल संकरी सर्विस रोड (Narrow Service Road) के साथ जो मुसीबत के बोगदे हैं, उससे सबसे अधिक यातायात जाम (Traffic Jam) होता है। अब इन संकरे बोगदों को चौड़ा करवाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। कल इंदौर आए प्रमुख सचिव ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारी से इसका पायलट प्रोजेक्ट बनाने को कहा और पहले एक बोगदे में इसका प्रयोग किया जाएगा। दूसरी तरफ एबी रोड के एलिवेटेड ब्रिज की ड्राइंग-डिजाइन ही शहर के जनप्रतिनिधि आज तक तय नहीं कर पाए, जिसके चलते साढ़े 300 करोड़ का प्रोजेक्ट अधर में लटका है।
कमलनाथ सरकार के वक्त केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एबी रोड के एलिवेटेड कॉरिडोर को मंजूर किया था और फिर लोक निर्माण विभाग ने उसके टेंडर जारी कर ठेका भी दे दिया। मगर जनप्रतिनिधियों के विरोध के चलते आज तक काम शुरू नहीं हुआ और कई बैठकों के बाद भी ड्राइंग-डिजाइन तय नहीं की जा सकी, तो दूसरी तरफ कल प्राधिकरण दफ्तर में हुई बैठक में बजाय एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने के शिवाजी वाटिका, नवलखा, पलासिया पर अलग-अलग फ्लायओवर बनाने का बेतुका प्रस्ताव अवश्य दिया गया। जबकि मास्टर प्लान में यह हिस्सा मात्र 100 फीट ही चौड़ा है, जिस पर फोर लेन का फ्लायओवर बना दिया तो मुसीबत और अधिक रहेगी। जबकि सत्यसांई, देवास नाका पर भी सड़ विकास निगम द्वारा फ्लायओवर बनाए जा रहे हैं। हालांकि मास्टर प्लान में यह हिस्सा 200 फीट चौड़ा है। इसलिए यहां फ्लायओवर निर्माण में कोई परेशानी नहीं आएगी। नगरीय प्रसासन एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने कल प्राधिकरण पहुंचकर चल रहे विकास कार्यों और बड़े प्रोजेक्टों की समीक्षा बैठक ली, जिसमें प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा, सांसद शंकर लालवानी, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, निगमायुक्त श्रीमती हर्षिका सिंह, प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार, संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश सुभाशीष बनर्जी के अलावा लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन श्री गुप्ता और एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बांझल और निगम के अधीक्षण यंत्री अनूप गोयल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। प्रमुख सचिव श्री मंडलोई ने शहर के एंट्री पाइंट पर संकरे बोगदों की व्यवस्था सुधारने को कहा और इसके लिए एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार करने की जिम्मेदारी एनएचआई को सौंपी कि किस तरह इन संकरे बोगदों को चौड़ा और ऊंचा किया जा सकता है। अभी बसों और बड़े वाहन इन संकरे बोगदों में फंस जाते हैं और पूरे बायपास की सर्विस रोड पर जाम की समस्या भीषण रहती है। अब देखना यह है कि इंजीनियरिंग की दृष्टि से इन संकरे बोगदों को चौड़ा किया जाना संभव है अथवा नहीं।
साढ़े 22 मीटर के कंट्रोल एरिया को लेकर नित नए प्रयोग भी
बायपास के वर्तमान 45 मीटर के कंट्रोल एरिया को घटाकर साढ़े 22 मीटर करने का प्रस्ताव भी शासन स्तर पर लम्बित है। वहीं दूसरी तरफ सर्विस रोड को फोर लेन भी किया जाना है, जिसके लिए नगर निगम प्रोजेक्ट बनाकर सौंप चुका है। वहीं कल यह भी चर्चा हुई की साढ़े 22 मीटर में फोर लेन के साथ-साथ एक सात मीटर की अतिरिक्त स्लीप रोड का निर्माण भी किया जाए, ताकि उस रोड के जरिए सर्विस रोड पाय आया जा सके।
15 करोड़ की रैलिंग लगाने का काम भी शुरू करेगा प्राधिकरण
बायपास पर कई तरह के प्रयोग शुरू हो गए हैं। दूसरी तरफ एनएचआई ने इंदौर विकास प्राधिकरण को दनों तरफ मैन केरेजवे पर स्टील की रैलिंग लगाने का जिम्मा भी सौंपा है। लगभग 15 करोड़ रुपए की राशि इस पर खर्च की जा रही है और जल्द ही प्राधिकरण दोनों तरफ 64 किलोमीटर लम्बी रैलिंग लगाने का काम शुरू करेगा। बायपास पर बोगदों को चौड़ा करने, सर्विस रोड को फोर लेन करने के साथ ही एमआर-10 सहित अन्य पर ओवरब्रिज भी बनाए जा रहे हैं, ताकि बायपास को क्रॉस करना आसान रहे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved