कोलकाता (Kolkata)। कोलकाता पुलिस की प्रारंभिक जांच में जादवपुर विवि. (JU) के छात्र के साथ रैगिंग और यौन उत्पीड़न (Ragging and Sexual Harassment) की पुष्टि हुई है। पुलिस को जांच के दौरान छात्र को नग्न घुमाने और यौन उत्पीड़न से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। गिरफ्तार किए गए 13 लोगों में से केवल 12 आरोपी पूरे प्रकरण में सक्रिय रूप में शामिल पाए गए हैं।
कोलकाता पुलिस ने खुलासा किया कि छात्र को छात्रावास की दूसरी मंजिल में नग्न घुमाया गया था। इसके अलावा, जांच में सामने आया कि वर्तमान छात्र के साथ-साथ पूर्व छात्र भी मृतक का यौन उत्पीड़न करते थे।
अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जो सिर्फ पुलिस को गुमराह करने के लिए था। आरोपियों ने सिर्फ रैगिंग की घटना छिपाने के लिए पुलिस को गुमराह करने की योजना बनाई थी। मंगलवार को स्थानीय अदालत ने मामले में ‘वेस्ट बंगाल प्रोहिबिशन ऑफ रैगिंग इन एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस एक्ट 2000’ की धारा चार जोड़ने के लिए सहमति दे दी है।
पुलिस का कहना है कि मामले में और अधिक स्पष्टता के लिए छात्रावास के रसोइये से भी पूछताछ की गई है। इसके अलावा दो अन्य छात्रों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पुलिस ने बताया कि हमने मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि एक युवक को छोड़कर 12 युवक इस मामले में शामिल हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुरुआती जांच के आधार पर बताया था कि मृतक को सीनियर परेशान कर रहे थे। मौत के दिन करीब चार बार उसने अपनी मां को कॉल किया था। बुधवार रात नौ बजे मृतक ने अपनी मां को भी अपनी परेशानी के बारे में बताया था। मां से बात करने के बाद उसने अपना फोन बंद कर लिया था। अधिकारी का कहना है कि मृतक काफी परेशान था, सीनियर उसे हमेशा गे (समलैंगिक) कहकर बुलाते थे। वह अपना फेसबुक अकाउंट भी डिएक्टिवेट कर चुका था। छात्रावास के एक छात्र ने मौत के बाद फेसबुक पर एक पोस्ट किया, जिसमें उसने सीनियर को मौत का असल जिम्मेदार माना है। छात्र ने आरोप लगाते हुए रैगिंग को मौत का असल कारण कहा है। हम मृतक के फोन के साथ उसके रूममेट के फोन भी खंगाल रहे हैं।
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