कैम्ब्रिज: प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और रामचरित मानस के प्रतिपादक मोरारी बापू (Morari Bapu, famous spiritual master and exponent of Ramcharit Manas) ने हिंदू धर्म के अनुयायियों से अपनी हिंदू (Hindu) पहचान को गौरव के साथ अपनाने और भगवान राम के पवित्र नाम का जाप करने का आग्रह किया है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में चल रही राम कथा कार्यक्रम में बोलते हुए, मोरारी बापू ने सनातन हिंदू धर्म के अनुयायियों से किसी भी तरह की अनिच्छा त्यागने और आत्मविश्वास के साथ अपनी पहचान घोषित करने को कहा। उन्होंने कहा, “पुरे विश्व में, जहां भी हिंदू हैं और वह किसी भी क्षेत्र से हों, राम का नाम लेने में और हिंदू हूं कहने में झिझक क्यों है?”
उन्होनें ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनाक (British Prime Minister Rishi Sunak) के हाल ही में दिए गए बयान पर भी ध्यान आकर्षित किया। 15 अगस्त को राम कथा में बोलते हुए ऋषि सुनाक ने हिंदू और ब्रिटिश दोनों होने पर गौरव व्यक्त किया था। मोरारी बापू ने सवाल किया कि दूसरों को ऐसा करने में संकोच क्यों होता है?“हमें गौरव है, हम सनातन धर्म से हैं। और क्यों नहीं! (ऋषि) सुनाक जी, जो वर्तमान ब्रिटिश प्रधान मंत्री हैं, ने कहा कि वह यहां एक हिंदू के रूप में आए हैं। आप सभी (हिंदू पहचान को लेकर) इतने शर्मिंदा क्यों हैं?” बापू ने पूछा.
“मुझे अच्छा लगा कि ऋषि सुनाक ने अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया। उन्होंने दो बार जय सिया राम का नारा लगाया. मैं इसका स्वागत करता हूं। यदि उनके जैसा विश्व नेता गर्व से हिंदू के रूप में पहचान दे सकता है और दो बार जय सिया राम का जाप कर सकता है, तो किसी अन्य हिंदू को अनिच्छुक क्यों होना चाहिए ?”मोरारी बापू ने आगे कहा कि गांधी जी ने तथा स्वामी विवेकानन्द जी ने भी कहा कि वह हिंदू हैं और हिंदू धर्म की यह उदारता है। मोरारी बापू ने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू होना खुले दिमाग और व्यापक स्वीकृति का पर्याय है और टिप्पणी की कि हिंदू धर्म और सनातन धर्म के सिद्धांत विशाल आकाश से भी अधिक व्यापक हैं।
मोरारी बापू ने भगवान राम के परम नाम का जाप करने के महत्व को भी दोहराया
भगवान राम की शिक्षाओं और रामचरित मानस में निहित ज्ञान के अथक समर्थक, मोरारी बापू ने अपना दृढ़ विश्वास साझा किया कि भगवान राम के सार को किसी एक चित्रण तक सीमित नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा, “हमारे राम सीमाओं से परे हैं, उनकी दिव्यता की कोई सीमा नहीं है।” वैश्विक मंच पर भारत के सांस्कृतिक प्रभाव और सम्मान पर प्रकाश डालते हुए, मोरारी बापू ने कहा कि वह दुनिया भर में घूमकर सनातन परंपराओं की सुंदरता तथा स्वभाव को साझा करते हैं और जिस तरह से दुनिया भारत और इसकी सांस्कृतिक विरासत को देखती है, वह बदल गई है।
उन्होंने कहा कि सार्थक संवादों और वास्तविक प्रभाव के माध्यम से हम वास्तव में वसुधैव कुटुंबकम या दुनिया एक परिवार है की धारणा को साकार कर सकते हैं। भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर मोरारी बापू की राम कथा के दौरान ब्रिटिश प्रधान मंत्री बनने वाले पहले हिंदू और भारतीय मूल के पहले व्यक्ति ऋषि सुनाक ने दो बार जय सिया राम का जाप किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह राम कथा में एक प्रधान मंत्री के तौर पर नहीं बल्कि एक हिंदू के तौर पर आये हैं। प्रधान मंत्री सुनाक ने कहा कि उन्हें ब्रिटिश होने पर गौरव है और हिंदू होने पर गौरव है। उन्होंने मंदिरों में हवन, पूजा, आरती और अपने परिवार के साथ प्रसाद वितरण जैसे अनुष्ठानों में भाग लेने को भी याद किया।
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