डेस्क: सऊदी अरब (Saudi Arab) की सेना (Army) गरीबों को सीमा पर गोलियों से भून रही है. पिछले डेढ़ साल के दरमियान सऊदी सेना ने सैकड़ों लोगों को मौत (Death) के घाट उतार दिया. अपने आर्थिक हालात की वजह से इथोपिया (Ethiopia) से बड़ी संख्या में लोग सऊदी में शरण लेने सीमाई रास्ते से पहुंचते हैं. ह्युमन राइट्स वॉच (human rights watch) की रिपोर्ट में दावा है कि यमन सीमा से सऊदी में घुसने वाले लोग सेना की गोलियों का निशाना बनते हैं. सऊदी सरकार इससे इनकार करती रही है.
ह्युमन राइट्स वॉच ने बताया कि सऊदी सेना शरणार्थियों पर विस्फोटक हथियार से हमले करती है. ऐसा पहली बार नहीं है जब सऊदी सेना पर इस तरह के गंभीर आरोप लगे हैं. सऊदी सरकार ने हालांकि व्यवस्थित हत्याओं के आरोपों को खारिज किया है. रिपोर्ट में प्रवासियों और शरणार्थियों के वीडियोज, फोटोज सबूत के तौर पर दिए गए हैं, जिसमें सऊदी सेना का खौफनाक रूप दिखाया गया है. प्रवासियों ने रात के समय की भयावह क्रॉसिंग के बारे में बात की. पता चला कि महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा जाता. कुछ लोगों ने बताया कि सेना ने उनपर बारिश की तरह गोलियां बरसाई और विस्फोटक हथियार से हमले किए.
सऊदी जाने के लिए खर्च किए 2500 डॉलर, सेना ने मार दी गोली
21 वर्षीय मुस्तफ़ा सौफ़िया मोहम्मद ने बताया, “शूटिंग लगातार चलती रही.” उन्होंने बताया कि वह 45 लोग थे. इनमें कई लोग मारे गए. इथोपिया की राजधानी जहरा से सऊदी अरब जाने के लिए एक 18 वर्षीय एक लड़की ने 2500 डॉलर खर्च किए. आमतौर पर तस्कर उनसे सीमा पार कराने के लिए मोटी रकम वसूलते हैं. हालांकि, एग्रीमेंट में जान की कोई जिम्मेदारी नहीं होती. जहरा की 18 वर्षीय लड़की बताती हैं कि सऊदी की सेना से जब उनका सामना हुआ तो वे पकड़ ली गईं. एक गोली से उसके एक हाथ की पूरी उंगलियां काट गईं. खौफनाक मंजर को याद कर आज भी उसका बदन सिहिर जाता है.
हत्या इतनी कि सऊदी यमन के बीच बन गया कब्रिस्तान
युनाइटेड नेशन की एक रिपोर्ट की मानें तो हर साल दो लाख से ज्यादा लोग अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश करते हैं. अफ्रीका के हॉर्न से समुद्र के रास्ते यमन होते हुए सऊदी में प्रवेश करते हैं. तस्कर इस दरमियान उनके साथ बदसलूकी, मारपीट भी करते हैं. समुद्र को पार करना ऐसे ही बहुत खतरनाक है. हाल ही में जिबूती में एक शिप के डूब जाने से 24 प्रवासी मारे गए थे. यमन के रास्ते आने वाले लोग मानो कब्रिस्तान से होकर गुजरते हैं. सेना द्वारा गोली मारे जाने के बाद उनके शव वहीं पड़े रह जाते हैं. कई बार सेना एक समूह के कुछ लोगों को गोली मारती है तो कुछ को उनके शव ले जाने के लिए बख्स देती है.
गरीब मुल्कों से प्रवास कर सऊदी जाने की कोशिश
रिपोर्ट में मार्च 2022 से जून 2023 तक के आंकड़े दिए गए हैं. इस दरमियान मास किलिंग के 28 मामलों का खुलासा हुआ, जिसमें गोलियां और विस्फोटक हथियारों का इस्तेमाल किए गए थे. 14 ऐसे मामलों का पता चला जिसमें सेना ने प्रवासियों को पकड़ा, उन्हें पीटा और फिर गोली मार दी. इथोपिया अरब मुल्क का सबसे गरीब देश है. आर्थिक हालात की वजह से बड़ी संख्या में लोग दूसरे अरब मुल्कों में चले जाते हैं. जो इसका खर्च वहन कर सकते हैं, वे वैध रूप से जाते हैं लेकिन जो इसका खर्च वहन नहीं कर पाते वे अवैध रूप से सीमा के रास्ते घुसने की कोशिश करते हैं. इस दौरान वे सेना की गोलियों का निशाना बनते हैं और अंत होती है मौत.
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