नई दिल्ली। डिजिटल भुगतान (digital payment) की दुनिया (World) में यूपीआई (UPI) एक बड़ी क्रांति है। आज देश (Country) में ही नहीं बल्कि दुनिया में कई देशों में भुगतान के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है। मोबाइल स्क्रीन (Mobile Screen) पर बस कुछ टैप्स के साथ आप कई चीजों के लिए डिजिटल यानी ऑनलाइन कर्ज की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। फिर चाहे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद खरीदना हो, यात्रा करनी हो या रेस्टोरेंट में लजीज भोजन का आनंद उठाना हो।
हालांकि, जैसे-जैसे ऑनलाइन कर्ज का दायरा बढ़ता जा रहा है, हमारे सामने जोखिम भी बढ़ रहे हैं। ये जोखिम गैर-पंजीकृत कर्जदाताओं की ओर से किए जाने वाले गलत कार्यों से पैदा होते हैं। इसलिए, ऑनलाइन कर्ज लेने वाले ग्राहकों को किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए अब अधिक सजग रहने की जरूरत है और उन्हें पांच बातों का ध्यान रखना चाहिए।
नियमित कर्जदाताओं से ही उधार लें : हमेशा पंजीकृत कर्जदाताओं (रेगुलेटेड एन्टिटी-आरई) से ही उधार लें। ये कर्जदाता बैंक या एनबीएफसी हो सकती हैं। आरई पर आरबीआई के कर्ज संबंधी नियम लागू होते हैं।
योग्यता जानें : कर्ज लेने की अपनी योग्यता को जानें। अगर आपकी कमाई स्थिर है और क्रेडिट स्कोर अच्छा (750 से ऊपर) है तो बैंक से उधार लें। योग्यता कम होने पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से कर्ज लें।
शुल्क की जानकारी लें : सभी प्रकार के शुल्क की जानकारी जरूर लें। इनमें आपसे वसूली जाने वाली सालाना ब्याज दर के साथ प्रोसेसिंग शुल्क, देर से भुगतान पर शुल्क और प्री-पेमेंट चार्ज आदि शामिल हैं।
विकल्पों की तुलना करें : कर्ज के लिए आवेदन करते समय ब्याज दर, शुल्क और पुनर्भुगतान से जुड़ी शर्तों के बारे में जानकारी जुटाएं और शुल्कों की तुलना करें। इससे आपको कम ब्याज पर कर्ज लेने में मदद मिलेगी।
क्रेडिट स्कोर पर नजर रखें : पंजीकृत कर्जदाता आपके कर्ज की जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को देते हैं। हाल ही में देखा गया है कि कुछ कर्जदाता ब्यूरो को उधारकर्ताओं का डाटा नहीं भेज रहे हैं। इससे कुछ मामलों में उधारकर्ताओं पर नकारात्मक असर पड़ा। उनका क्रेडिट स्कोर कम हुआ। अगर आपने कर्ज लिया है तो हर महीने अपने क्रेडिट स्कोर की जांच करें। क्रेडिट रिपोर्ट में गलतियां नजर आने पर इसकी जानकारी अपने कर्जदाता को दें।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved