श्रीनगर: अमरनाथ यात्रा (Pilgrimage to Amarnaath) 23 अगस्त से अस्थायी रूप से स्थगित (temporarily suspended) कर दी गई है. इसे लेकर जो कारण बताया गया है, उसमें गुफा की ओर जाने वाली दोनों सड़कों पर चल रहा मरम्मत कार्य (road repair work) है. इसी को लेकर तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी (decrease in the number of pilgrims) आई है. इसके बाद 23 अगस्त से अमरनाथ यात्रा को अस्थाई तौर पर स्थगित रखा गया है.
अमरनाथ श्राइन बोर्ड (Amarnath Shrine Board) के आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक छड़ी मुबारक, जो भगवान शिव का पवित्र दंड है, 31 अगस्त को यात्रा के समापन के अवसर पर पारंपरिक पहलगाम मार्ग के माध्यम से आगे बढ़ेगी. दोनों मार्गों से 62 दिवसीय यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 4.4 लाख से अधिक तीर्थयात्री बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं. अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग एक जुलाई को शुरू किया गया था.
श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के हवाले से प्रवक्ता ने कहा, ‘तीर्थयात्रियों की आवाजाही में काफी कमी और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा संवेदनशील हिस्सों पर यात्रा मार्गों की तत्काल मरम्मत और रखरखाव के कारण पवित्र गुफा की ओर जाने वाले दोनों मार्गों पर तीर्थयात्रियों की आवाजाही उचित नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए यात्रा 23 अगस्त से दोनों मार्गों से अस्थायी रूप से निलंबित रहेगी. छड़ी मुबारक 31 अगस्त को यात्रा के समापन के अवसर पर पारंपरिक पहलगाम मार्ग से आगे बढ़ेगा. मंदिर में प्राकृतिक रूप से बने बर्फ के शिवलिंग के पिघलने के साथ 23 जुलाई से तीर्थयात्रियों की आवाजाही में गिरावट शुरू हो गई. इस बीच, 362 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था यात्रा में शामिल होने के लिए रविवार को भगवती नगर आधार शिविर से 11 वाहनों के काफिले में रवाना हुआ.
इससे पहले 18 अगस्त को पवित्र अमरनाथ गुफा से लौटते समय 50 वर्षीय तीर्थयात्री की मौत हो गई थी, क्योंकि वह कालीमाता के पास फिसलकर 300 फीट नीचे गिर गया था. रोहतास बिहार जिले के तुम्बा गांव निवासी विजय कुमार शाह और एक अन्य यात्री ममता कुमारी पवित्र गुफा से लौटते समय कालीमाता के पास फिसल गए और 300 फीट नीचे गिर गए. यात्री को माउंटेन रेस्क्यू टीम और भारतीय सेना ने संयुक्त रूप से बचाया, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई.
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