• img-fluid

    चांद पर लैंडिंग के लिए भारत और रूस की नजर, मिशन मून में कौन-कैसे रचेगा इतिहास?

  • August 20, 2023

    नई दिल्ली: चांद पर लैंडिंग (moon landing) और मिशन मून (mission moon) पर फतेह पाने के लिए रूस और भारत (Russia and India) तैयार हैं. जहां भारत का चंद्रयान 3 लैंडिंग (chandrayaan 3 landing) के लास्ट फेज में है और चांद से महज 25 किलोमीटर दूर है. वहीं, रूस के लूना 25 की कल चांद पर लैंडिंग करने की संभावना जताई जा रही है.

    हालांकि, रूस का लूना-25 लैंडिंग से पहले ही संकट में फंस गया है. कुछ टेक्निकल दिक्कतों के कारण उसे लैंडिंग करने में दिक्कत आ रही है. इसके अलावा भारत के चंद्रयान 3 और रूसी मून मिशन का लूना 25 दोनों की नजर चांद के साउथ पोल पर है. दोनों ही साउथ पोल पर लैंडिंग करने की कोशिश करेंगे. दोनों के बीच लैंडिंग को टक्कर है. ऐसे में मिशन मून में अब लैंडिंग से लेकर इकोनॉमी तक भारत या रूस में से कौन कैसे इतिहास रचेगा आइए जानते हैं.

    मून मिशन के लिए चंद्रयान-3 भारत का तीसरा और चंद्रमा के साउथ पोल को छूने का दूसरा प्रयास है. वहीं, रूस के लिए लूना-25 1976 के बाद 47 साल बाद उसका पहला मिशन है. हालांकि, रोस्कोस्मोस ने कहा है कि दोनों मिशन एक-दूसरे के रास्ते में नहीं आएंगे क्योंकि उनके पास अलग-अलग लैंडिंग की प्लानिंग है. वहीं, जानकारी के मुताबिक, दोनों देशों की नजर ही चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करने की है. रुसी रोसकॉस्मोस ने कहा है कि चंद्रमा पर सभी के लिए पर्याप्त जगह है.इसरो के पूर्व चीफ डॉ के सिवन ने PTI को बताया कि भारत के चंद्रयान 3 का लक्ष्य चंद्रमा के साउथ पोल को छूना है.


    रूस के लूना-25 का वजन 1,750 किग्रा है जबकि चंद्रयान-3 का भार 3,800 किग्रा है. इन दोनों के बजट में भी भारी अंतर है. चंद्रयान-3 का बजट जहां मात्र 615 करोड़ रुपये है, वहीं रूस ने लूना-25 के बजट का ऐलान नहीं किया है. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसकी लागत करीब 1,600 करोड़ रुपये है. जो की भारत के चंद्रयान 3 की तुलना में करीब ढाई गुना ज्यादा है. चंद्रयान-3 की लागत चंद्रयान-2 की तुलना में काफी कम है. वहीं इसमें चंद्रयान-2 की तरह ऑर्बिटर नहीं है.

    इस बीच, बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिक क्रिसफिन कार्तिक ने PTI के हवाले से कहा कि, चाहे रूस हो या भारत, जो भी देश सॉफ्ट लैंडिंग के मामले में सफलता दर्ज करेगा वह ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा. अगर भारत का चंद्रयान 3 चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कर लेता है तो वो दुनिया के इतिहास में कम बजट में ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा. हालांकि, लैंडिंग के मामले में ये रूस के लूना-25 से मात खा सकता है.

    भारत अगर अपने चंद्रयान-3 मिशन में सफल होता है, तो यह चंद्रमा के साउथ पोल तक पहुंचने के उसके पिछले प्रयास की विफलता से एक बड़ी रिकवरी होगी. हालांकि, रूस के लिए, 47 साल बाद मून मिशन का मतलब यह साबित करना होगा कि वह अभी भी अंतरिक्ष की दुनिया में सबसे आगे है. कुल मिलाकर, दोनों देशों के लिए लैंडिंग की उलटी गिनती शुरू हो गई है. दोनों देशों के लोग यह जानने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि चंद्रमा के साउथ पोल पर सबसे पहले कौन पहुंचेगा.

    Share:

    गुलाम नबी आजाद ने कहा, इस्‍लाम से पहले आया था हिुदू धर्म, अब दी सफाई

    Sun Aug 20 , 2023
    जम्मू (Jammu)। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) प्रमुख गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) जबसे कांग्रेस से अलग हुए उसी समय से कुछ ना कुछ ऐसे बयान देते रहते हैं जो मीडिया सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार उन्‍होंने कहा कि “इस्लाम बहुत बाद में आया है, हिुदू धर्म उससे पहले से विद्यमान है, […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved