इंदौर (Indore): वीणानगर गृह निर्माण सहकारी संस्था (Veena Nagar Housing Cooperative Society) के जमीन घोटाले में पूर्व अध्यक्ष नारायण खरे (Former President Narayan Khare) सहित सभी 9 आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार गोयल की कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया. जो अन्य आरोपी दोषमुक्त हुए उनमें नारायण खरे के पुत्र रितिक के अलावा विक्रम सिंह राठौर, अनिल धनोतिया, अंकुर अरोड़ा, रवि खुराना, प्रेम पाटनी, अजय पाटनी और संजीव श्रीवास्तव है. राज्य आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) इंदौर ने इनके विरुद्ध धोखाधड़ी एवम भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में वर्ष 2009 में प्रकरण दर्ज किया था और वर्ष 2014 में चालान कोर्ट में पेश किया गया था. 82 पेज के फैसले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया. आरोपियों की ओर से एडवोकेट सचिन भटनागर, अनुराग बेजल, महेंद्र मौर्य, उदय प्रताप सिंह कुशवाहा, अभिषेक रावल और विकास निगम ने पैरवी की.
यह था मामला
अभियोजन कहानी के मुताबिक वीणा नगर के रहवासियों द्वारा शिकायत की गई की थी कि वीणा नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर के अध्यक्ष द्वारा प्रत्येक सदस्य से विकास शुल्क के नाम पर 35 से 44 हजार रूपये वसूल किये गये किंतु संस्था के द्वारा न तो पेयजल और न ही ड्रेनेज की व्यवस्था की गई व खुले क्षेत्र/बगीचे को भी विकसित नहीं किया गया.सदस्याें के साथ कूटकरण व छल कारित कर कालोनी की सड़क को सकरा करके अपने भूखंड क्रमांक 56 काे बड़ा बताकर उसमे 755 वर्गफीट भूमि काे अतिरिक्त बताकर उसे 56 पैकि का नाम देकर आराेपी नारायण खरे ने अपने पुत्र ऋत्विक के साथ मिलकर बिल्डर के साथ सांठगांठ कर विक्रय कर दिया. ओ.पी. आधार कंस्ट्रक्शन के बिल्डर आरेापीगण अंकुर अरोड़ा व रवि खुराना एवं अरिहंत क्लासिक कंस्ट्रक्शन के आरोपीगण प्रेम पाटनी एवं संदीप श्रीवास्तव ने दो भूखंडों का संयुक्तिकरण किया जिसमें 56 पैकि भूखंड को समावेश करते हुए आराेपी विक्रम राठौर सरपंच से अवैधानिक तरीके से अनुमति प्राप्त करके बहुमंजिला इमारत का निर्माण कर लिया. उक्त शिकायत की जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया था.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved