दोनों विधानसभाओं को आकांक्षी विधानसभा की श्रेणी में रखा है भाजपा ने
इंदौर। भाजपा (BJP) के 39 उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित होने के बाद अब जल्द ही दूसरी सूची आने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि पहली सूची में करीब 50 नाम तय किए गए थे, जो आकांक्षी विधानसभा, यानी जिस पर भाजपा हारी है, के दायरे में आते हैं। इसमें विधानसभा एक और देपालपुर विधानसभा भी शामिल थीं, लेकिन इसे रोक लिया गया। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा पुराने उम्मीदवारों को मौका देगी या फिर किसी नए चेहरे को उतारेगी।
राऊ विधानसभा से पिछली बार मधु वर्मा जीतू पटवारी (Madhu Verma & Jitu Patwari) से हार गए थे, लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें फिर मौका दे दिया। पहले हारे हुए चेहरों को मौका नहीं देने की बात भाजपा के बड़े नेता कर रहे थे, लेकिन पहली सूची में शामिल नामों ने सबको चौंका दिया है। इससे लग रहा है कि पार्टी मध्यप्रदेश (MP) में एक बड़ा प्रयोग करने जा रही है। पिछली बार के चुनाव परिणाम देखें तो विधानसभा 1 में कांगे्रस के संजय शुक्ला ने भाजपा के सुदर्शन गुप्ता को 8 हजार 163 वोटों से हराया था। इस बार पार्टी ने इसे आकांक्षी विधानसभा सीट के रूप में रखा है। सुदर्शन गुप्ता इस बार भी दावेदार हैं। जिस तरह से पार्टी ने अपनी पहली सूची में हारे हुए उम्मीदवारों को फिर से अवसर दिया है, इससे उनका नाम लगभग तय माना जा रहा है, लेकिन गोलू शुक्ला, मनोज मिश्रा, टीनू जैन की दावेदारी उन्हें रोकने की कोशिश कर रही है। देपालपुर विधानसभा सीट पर भी इस बार भारी जद्दोजहद नजर आ रही है। वहां से पूर्व विधायक मनोज पटेल के खिलाफ भाजपा के दावेदार लामबंद हैं और यहां से नए नाम को लेकर विचार किया जा सकता है। इस सीट पर मनोज पटेल 9044 वोटों से हारे थे। अगर वही समीकरण इस सीट पर फिट होता है तो मनोज को मौका मिल सकता है। यहां चिंटू वर्मा, उमरावसिंह मौर्य, राजेंद्र चौधरी, श्रवण चावड़ा और आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा भी दौड़ में हैं। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों सीटों को भी पहली सूची में रखा गया था, लेकिन हर दावेदार की अपनी राजनीतिक पहुंच होने के कारण इन्हें रोक दिया गया है। दोनों ही सीटों पर कांग्रेस के विधायक हर तरह से सक्षम हैं और दोनों ने ही अपने क्षेत्र की जोरदार किलेबंदी कर रखी है।
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