भोपाल। पटवारियों (Patwaris) ने एक साथ बैठकर बड़ा फैसला लिया है, वे 21 अगस्त से सभी सरकारी ग्रुपों को छोड़ देंगे और 23 अगस्त से सामूहिक रूप से अवकाश पर चले जाएंगे, पटवारियों की हड़ताल (strike) से जमीन संबंधी सहित अन्य कार्य पर सीधा असर पड़ेगा। वेतनमान, समयमान वेतनमान, पदोन्नति व भत्तों की अनदेखी पर पटवारियों में नाराजगी जताई। साथ ही मांगों का निराकरण करने सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है, यदि मांगों शासन ने ध्यान नहीं दिया तो 21 अगस्त को पटवारी सभी सरकारी ग्रुप छोड़ ऑनलाइन (Online) कार्य बंद कर देंगे। इसके बाद 23 अगस्त से तीन दिन के सामूहिक अवकाश (Group leave) पर जाने की भी चेतावनी दी है। पटवारी संघ का कहना है कि 25 वर्ष पुराने वेतनमान (Pay Scale) में कोई वृद्धि नहीं की गई है। तो वहीं पदोन्नति में भी पटवारियों से भेदभाव का आरोप लगाया है। ज्ञापन के माध्यम से पटवारी संघ का कहना है कि यदि उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो 21 अगस्त को वह व्हाट््सएप के सभी सरकारी ग्रुप (Government Group) छोड़ देंगे व ऑनलाइन कार्य से विरत रहेंगे।
ज्ञापन में यह बताईं समस्याएं
1998 से निर्धारित वेतनमान 2023 में दिया जा रहा है, 25 वर्षों में पटवारियों के वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं की गई, जबकि राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षक से लेकर तहसीलदार व अधीक्षक भू-अभिलेख के वेतनमान में कई बार बृद्धि हुई।
समयमान वेतनमान ग्रेड के सापेक्ष दिया जा रहा है, जबकि 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर दिया जाना चाहिए। मप्र में पटवारी संघ को समयमान वेतनमान पद के सापेक्ष न होकर ग्रेड पे के सापेक्ष दिया जा रहा है।
कुछ माह पूर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों की पदोन्नति की गई, लेकिन प्रशासन की रीड की हड्डी कहे जाने वाले पटवारी पद को भेदभाव तरीके से वंचित रखा। 10 वर्षों से किसी भत्ते में कोई वृद्धि नहीं की गई।
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