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हार्ट अटैक से लेकर स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा, एक्‍सपर्ट बोले अलर्ट रहे

August 18, 2023

नई दिल्‍ली (New Dehli) । हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर (blood pressure) की समस्या को शरीर (Body) में कई प्रकार की गंभीर बीमारियों (diseases) का प्रमुख कारण (Reason) माना जाता है। इससे हार्ट अटैक से लेकर स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है। लाइफस्टाइल में गड़बड़ी को हाइपरटेंशन की बढ़ती समस्या का प्रमुख कारण माना जाता रहा है।

हाइपरटेंशन की स्थिति और इसके जोखिमों को लेकर तो हम सभी जानते हैं पर क्या आपने पल्मोनरी हाइपरटेंशन के बारे में सुना है? स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यह बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है, जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है।

पल्मोनरी हाइपरटेंशन भी उच्च रक्तचाप का ही एक प्रकार है जो फेफड़ों और हृदय के दाहिने हिस्से की धमनियों को प्रभावित करता है। पल्मोनरी हाइपरटेंशन के एक प्रकार जिसे पल्मोनरी आर्टरियल हाइपरटेंशन कहा जाता है, इसमें फेफड़ों में रक्त वाहिकाएं संकुचित, अवरुद्ध या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इस तरह की स्थिति के कारण फेफड़ों के माध्यम से रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिसके कई तरह के दुष्प्रभाव हैं।

पल्मोनरी हाइपरटेंशन का बढ़ता जोखिम

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पल्मोनरी हाइपरटेंशन कुछ लोगों में गंभीर और जानलेवा भी हो सकती है, ऐसे में इसके खतरे को लेकर सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। जिस तरह से हमारी लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी की समस्या बढ़ती जा रही है, इन रोगों का जोखिम भी बढ़ रहा है।

इससे बचाव के लिए जरूरी है कि हम निरंतर प्रयास करते रहें जिससे इसके जोखिमों को कम किया जा सके।

पल्मोनरी हाइपरटेंशन की समस्या विकसित होने के कई कारण हो सकते हैं। इसमें लाइफस्टाइल और आहार से संबंधित दिक्कतों के अलावा कुछ प्रकार के अंतर्निहित कारण जैसे जन्मजात हृदय रोग, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, लिवर के रोग (सिरोसिस), फेफड़ों में रक्त के थक्के बनने जैसे स्थितियां शामिल हैं।

सामान्यतौर पर फेफड़ों में रक्त वाहिकाओं के माध्यम से हृदय के बाईं ओर आसानी से रक्त प्रवाहित होता है लेकिन फेफड़ों की धमनियों को लाइन करने वाली कोशिकाओं में परिवर्तन के कारण धमनी की दीवारें संकीर्ण, कठोर, सूज सकती हैं। ये परिवर्तन फेफड़ों के माध्यम से रक्त के प्रवाह को धीमा कर देते हैं, जिससे इस गंभीर रोग होने का खतरा कम हो सकता है।

पल्मोनरी हाइपरटेंशन का इलाज और बचाव

पल्मोनरी हाइपरटेंशन का कोई इलाज नहीं है, हालांकि लक्षणों को सुधारने और इसके जोखिमों को कम करके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए दवाइयों और कुछ प्रकार की थेरेपी की मदद ली जा सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाल में कुछ प्रकार के बदलाव की स्थिति इस रोग के जोखिमों को कम करने में मददगार हो सकती है।

साबुत अनाज, फल और सब्जियां, लीन मीट और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों से भरपूर स्वस्थ आहार का सेवन करना हाइपरटेंशन के खतरे को कम कर सकता है। इसके अलावा जितना संभव हो उतना सक्रिय रहें और वजन नियंत्रित करें।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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