नई दिल्ली: कश्मीर के अलगाववादी नेता (separatist leader of kashmir) और टेरर फंडिंग मामले (terror funding cases) में जेल में बंद यासीन मलिक (Yasin Malik) की पत्नी मुशाल हुसैन (Mushaal Hussein) पाकिस्तान की अंतरिम सरकार में मंत्री बनने जा रही हैं. पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) के इस्तीफे के बाद अनवर उल हक काकर को देश का केयरटेकर प्रधानमंत्री बनाया गया है. वह काकर के कैबिनेट में मानवाधिकारों पर पीएम की विशेष सहायक होंगी.
पाकिस्तान की रहने वाली मलिक की पत्नी मुशाल अपने पति के लिए पाकिस्तान के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से लगातार अपील कर रही है कि उनके पति को बचाया जाए क्योंकि वे निर्दोष हैं. खबर है कि पाकिस्तान अपने प्रोपेगैंडा के लिए यासीन मलिक की 11 साल की बेटी रजिया सुल्तान (Razia Sultan) का इस्तेमाल कर रहा है.
रजिया सुल्तान आतंकी गतिविधियों के अपराध में उम्रकैद की सजा काट रहे अपने पिता की रिहाई की उम्मीद कर रही है. इसी कड़ी में रजिया ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (मुजफ्फराबाद) की संसद को संबोधित किया. रजिया ने संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा.
रजिया ने कहा कि मेरे पिता यासीर मलिक ने जिंदगीभर कश्मीर के लिए काम किया. वह कश्मीर की भलाई के पुरोधा रहे हैं. अगर मेरे पिता को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचता है तो मैं इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराऊंगी. रजिया ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि कश्मीर एकजुट होकर उनके पिता की रिहाई की मांग करे. अगर उन्हें फांसी दी जाती है तो यह भारत पर काला धब्बा होगा.
यासीन मलिक आतंकी और अलगाववादी गतिविधि में शामिल रहा है और उसकी गतिविधियों को ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ मानते हुए फांसी की सजा देने की भी मांग की गई थी. यासीन मलिक को आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) के तहत दोषी ठहराया गया था, जिसमें मौत की सजा का प्रावधान है. बता दें कि टेरर फंडिंग केस में NIA ने यासीन मलिक के लिए सजा-ए-मौत की मांग की है.
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