इंदौर (Indore)। बंगाली चौराहे पर जो लोक निर्माण विभाग ने ओवरब्रिज बनाया है उसमें बीच में डाले गए पिलर के चलते विरोध भी हुआ और काफी समय तक ओवरब्रिज का निर्माण बंद भी रहा। नीचे गुजरने वाले यातायात में ये पिलर बाधक भी बनते हैं, जिसके चलते प्राधिकरण ने खजराना चौराहा पर बन रहे सिक्स लेन ओवरब्रिज में 150 फीट चौड़ा स्पॉन बिना किसी पिलर के डालने का निर्णय लिया है, जिसमें विशाल गर्डरों का इस्तेमाल होगा, जिनका निर्माण अंकलेश्वर स्थित कारखाने में करवाया जा रहा है।
यह अपने तरह का शहर में पहला ब्रिज भी होगा, जिसका स्पॉन इतना चौड़ा और नीचे कोई पिलर नहीं रहेगा। ब्रिज की लम्बाई 500 मीटर होगी और इसकी लागत 45 करोड़ रुपए आ रही है। कल प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा ने इस निर्माणाधीन फ्लायओवर के चल रहे कार्य का अवलोकन किया। उनके साथ क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र हार्डिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे। अधीक्षण यंत्री अनिल जोशी ने विस्तार से ड्राइंग-डिजाइन के साथ प्रजेंटेशन देकर ब्रिज की प्रगति की जानकारी दी। श्री चावड़ा ने बताया कि तीन-तीन लेन के दो हिस्सों में ये पुल बनेगा। दाए हिस्से का लेन वाला भाग जल्द पूरा हो जाए इसके निर्देश अधिकारियों और निर्माण एजेंसी को दिए हैं। इसके साथ ही नर्मदा और ड्रेनेज लाइनों की शिफ्टिंग भी हो गई है, जिस पर 9 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च करना पड़ा। वहीं ओवरब्रिज के निर्माण में बाधक बन रहे 300 पेड़ों की शिफ्टिंग भी कराई गई है।
श्री चावड़ा के मुताबिक बंगाली ओवरब्रिज में जिस तरह नीचे पिलर के कारण यातायात में बाधा उत्पन्न होती है, मगर इस खजराना ओवरब्रिज में इस गलती को सुधारा गया और 150 फीट चौड़े स्पॉन वाला यह पहला ब्रिज तैयार किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी को अप्रैल-2024 तक इस ओवरब्रिज का निर्माण पूरा करना है। दोनों तरफ ओवरब्रिज का निर्माण मौके पर शुरू भी हो गया है। वहीं विधायक श्री हार्डिया के मुताबिक प्राधिकरण को ब्रिज बनाने से पहले ही यह सुझाव दिया गया था कि ट्रैफिक बिना बाधा निकल सके इस तरह की ड्राइंग-डिजाइन तैयार की जाए। इस पर अध्यक्ष श्री चावड़ा ने संज्ञान लेते हुए आवश्यक सुधार कार्य करवाया और अब बिना पिलर के यह ओवरब्रिज बनेगा, जिसमें दोनों तरफ भुजाएं रहेंगी। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राकेश गोलू शुक्ला का कहना है कि खजराना ओवरब्रिज के साथ-साथ प्राधिकरण ने तीन अन्य ओवरब्रिजों का भी काम शुरू करवा दिया है और इन चारों ओवरब्रिजों का निर्माण तय समय सीमा में पूरा होगा, जिसके चलते लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
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