नई दिल्ली (New Dehli) । कैग (cag) की ओर से द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) निर्माण में वित्तीय (financial) अनियमितता (irregularity) के आरोप का जवाब सड़क परिवहन (road transport) और राजमार्ग मंत्रालय (ministry of highways) संसदीय समिति को देने की तैयारी कर रहा है। आप ने विरोध प्रदर्शन किया।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ओर से द्वारका एक्सप्रेसवे निर्माण में वित्तीय अनियमितता के आरोप का जवाब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय संसदीय समिति को देने की तैयारी कर रहा है। मंत्रालय का कहना है कि देश के पहले स्टेट ऑफ आर्ट द्वारका प्रोजेक्ट बनाने की मंजूरी आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) से ली गई, जिसमें 206.4 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर एक्सप्रेसवे बनाने का जिक्र है।
वहीं, कैग ने रिपोर्ट में आरोप लगाया कि द्वारका एक्सप्रेसवे बनाने पर 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर खर्च की मंजूरी दी गई। जबकि प्रति किलोमीटर एक्सप्रेसवे बनाने पर 251 करोड़ खर्च हो रहे हैं। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 29 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड द्वारका एक्सप्रेस-वे स्टेट ऑफ आर्ट प्रोजेक्ट है।
मंत्रालय संपूर्ण भारतमाला प्रोजेक्ट की मंजूरी सीसीईए से ले चुका है। उन्होंने बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण 5985.6 करोड़ लागत से हो रहा है। यानी प्रति किलोमीटर 206.4 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन, कैग ने सीसीईए की मंजूरी की अनदेखी करते हुए गलती से द्वारका एक्सप्रेसवे की प्रति किलोमीटर लागत 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर निकाली है।
मंत्रालय ने जवाब नहीं दिया सड़क परिवहन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि कैग के बार-बार पूछने के बाद भी अधिकारियों ने द्वारका एक्सप्रेसवे पर प्रति किलोमीटर निर्माण की इतनी ऊंची लागत का जवाब नहीं दिया। कैग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि मंत्रालय की ओर से एक्सप्रेसवे के प्रति किलोमीटर 251 करोड़ रुपये खर्च होने का जवाब नहीं दिया गया।
एक्सप्रेसवे निर्माण का भ्रष्टाचार उजागर
निर्माणाधीन द्वारका एक्सप्रेसवे को लेकर सीएजी की रिपोर्ट के बाद आम आदमी पार्टी लगातार सवाल उठा रही है। बुधवार को पार्टी ने विरोध-प्रदर्शन किया। पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हम जनता को दिखाना चाहते हैं कि जिस द्वारका एक्सप्रेसवे को 18 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत से बनाने की मंजूरी मिली थी, वो बिना मंजूरी के 251 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत से कैसे बना? सीएजी की रिपोर्ट से भ्रष्टाचार का उजागर हो गया।
कांग्रेस ने कैग रिपोर्ट पर सरकार से जवाब मांगा
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सीएजी के खिलाफ फौरन कार्रवाई करने की मांग की है। पार्टी ने तंज कसते हुए कहा है कि कैग एक देश विरोधी संस्था है। अंतरराष्ट्रीय साजिश का शिकार है। क्योंकि, इस संस्था ने पिछले दिनों में एक-दो नहीं बल्कि सात बड़े घोटालों का पर्दाफाश किया है। इसलिए, सीएजी पर फौरन ईडी का छापा पड़ना चाहिए। इस रिपोर्ट पर केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए। सुप्रिया श्रीनेत ने अलग-अलग मंत्रालय की सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि सरकार जिस ईमानदारी का दम भरती है, वह ध्वस्त हो चुकी है। सरकार में घोटाले ही घोटाले हैं। सरकार के घोटालों का सच अब लोगों के सामने आने लगा है। जनता केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार के बारे में बात करने लगी है।
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