कृषि भूमि को आवासीय कराने के डायवर्शन शुल्क से राजस्व के खजाने में आए 14 करोड़
इंदौर। इंदौर (Indore) के समीपस्थ गांव तेजी से शहरों में बदलते जा रहे हैं। कृषि भूमि को आवासीय कराने के डायवर्शन टैक्स (diversion tax) के रूप में इंदौर जिला प्रशासन (Indore District Administration) ने अब तक 13 करोड़ 93 लाख की राशि वसूली है। खजाने में जमा हुए इस शुल्क को महज पांच महीनों मे ही वसूला गया। आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा डायवर्शन जहां बिचौली क्षेत्र में हो रहे हैं, वहीं देपालपुर, कनाडिय़ा में भी तेजी से डायवर्शन की प्रक्रिया करवाई जा रही है।
शहर की सीमा तेजी से चारों और बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनों पर बढ़ रही बसावट और अपना घर-आशियाना बनाने की चाहत खेतों की जमीनों को भी कालोनियों में तब्दील कर रही है। राऊ, बिचौली, खुड़ैल, देपालपुर, महू, सांवेर, हातोद में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ पांच महीनों में ही भूअभिलेख शाखा के पास डायवर्शन खाते में लगभग 13 करोड़ 93 लाख की राशि जमा हो गई है, जबकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति में अभी सात महीने का समय बाकी है।
बगैर जब्ती के खजाना भरा
आंकड़ों के आधार पर देखा जाए तो सबसे अधिक राजस्व की वसूली बिचौली क्षेत्र में डायवर्शन के माध्यम से वसूल की गई है, जिसमें 84 लाख 21217 का टैक्स जमा किया गया है, वहीं कनाडिय़ा में 50 लाख 17275, खुड़ैल में 25 लाख 92 हजार, देपालपुर में 57 लाख 29 हजार, महू में 22 लाख 57 हजार, जूनी इंदौर क्षेत्र में 32 लाख 88 हजार का राजस्व वसूला गया है। वसूली में हातोद में 56271 रुपए की वसूली की गई है। हालांकि मल्हारगंज और सांवेर के आंकड़े अप्राप्त के हैं, उसके बावजूद भी यह आंकड़ा पांच करोड़ के ऊपर पहुंच गया है। भूअभिलेख शाखा के प्रभारी अधिकारी अनिल मेहता का कहना है कि राजस्व निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि फील्ड में रहकर बकायादारों को टैक्स जमा कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, जिसके चलते बगैर जब्ती की कार्रवाई कर यह आंकड़ा पाया है। जुलाई माह में ही 5 करोड़ 28 लाख 44 हजार 692 रुपए वसूल लिए हैं।
कलेक्टर ने की सख्ती
कलेक्टर इलैयाराजा टी ने भूअभिलेख शाख के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वे टारगेट पूरा करने के लिए जमीनी स्तर पर पूरे साल मेहनत करें। करदाताओं को प्रोत्साहित करे कि वे समय पर टैक्स जमा करे। ज्ञात हो कि विभाग द्वारा नजूल, सीमांकन, भू राजस्व, अर्थदंड, पंचायत, डायवर्शन शुल्क के मद से वसूली की जाती है। ज्ञात हो कि 2018 में मुख्य सचिव बी.पी.सिंह ने संभागीय समीक्षा बैठक के दौरान राजस्व वसूली को लेकर इंदौर को कड़वी घुट्टी पिलाई थी। उस दौरान डायवर्शन को लेकर भारी अनियमितताएं सामने आई थीं, तब से ही डायवर्शन शुल्क वसूली को लेकर वृहद स्तर पर अभियान छ़ेड़ा जा रहा है। कोरोना काल के बाद डायवर्शन जमा कराने में काफी गिरावट देखने को मिली थी।
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